भाजपा नेता का आरोप- बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री ने साजिश रच भाई की पत्नी का नामांकन खारिज कराया

गोरखपुर। सिद्धार्थनगर के वरिष्ठ भाजपा नेता हरिशंकर सिंह ने आरोप लगाया है कि ब्लाक प्रमुद पद के लिए उनके भाई की पत्नी पुष्पा सिंह का नामांकन बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री के कहने पर प्रशासन ने खारिज किया। क्षेत्र पंचायत सदस्यों का बहुत मेरे साथ था और मैं आसनी से जीत रहा था। मुझे हराने के लिए नामांकन पत्र में तकनीकी कमी दिखाकर खारिज किया। उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री को इसका जवाब 2022 के विधानसभा चुनाव में दिया जाएगा।

वरिष्ठ भाजपा नेता हरिशंकर सिंह इस प्रकरण से बहुत दुखी हैं। उन्होंने अपनी पीड़ा फेसबुक पर भी लिखी है। उन्होंने लिखा है कि अपने 33 वर्ष के राजनीतिक जीवन में इतनी घोर साजिश नहीं देखी।

वरिष्ठ भाजपा नेता हरिशंकर सिंह के भाई की पत्नी पुष्पा सिंह ने खुनियांव ब्लाक से ब्लाक प्रमुख चुनाव लड़ने का फैसला किया था। उनका नामांकन आठ जुलाई को खारिज कर दिया गया। प्रशासन ने नामांकन खारिज करने का कारण नामांकन पत्र के साथ शुल्क का चालान रसीद नहीं होना बताया है।

नामांकन खारिज होने के खिलाफ हरिशंकर सिंह ने अपने समर्थकों के साथ धरना दिया था।

गोरखपुर न्यूज लाइन से बातचीत करते हुए श्री सिंह ने कहा कि प्रत्याशी ने शुल्क चालान रसीद के साथ नामांकन पत्र दोपहर 12.48 बजे ही दाखिल कर दिया था लेकिन एक साजिश के तहत चालान रसीद को 3.10 बजे प्राप्त होना दिखाया गया है।

खुनियांव ब्लाक से भाजपा ने राीता दूबे को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा प्रत्याशी को बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री सतीश द्विवेदी का रिश्तेदार बताया जा रहा है।
इस सीट से हरिशंकर सिंह के भाई की पत्नी भी दावेदार थीं। भाजपा से समर्थन नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दल चुनाव लड़ने का फैसला किया।

 

भाजपा नेता हरिशंकर सिंह

श्री सिंह ने कहा कि नामांकन करने से भी उनको रोकने की कोशिश हुई लेकिन जनदबाव के कारण प्रशासन इसमें असफल रहा। इसके बाद नामांकन खारिज करने की साजिश रची गई। उन्होंने कहा कि उनके पक्ष में 97 क्षेत्र पंचायत सदस्य थे जबकि भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में सिर्फ नौ क्षेत्र पंचायत सदस्य थे। इसमें से भी तीन क्षेत्र पंचायत सदस्यों को जबरन उठा कर ले जाया गया था।

भाजपा नेता ने कहा कि वह बहुद दुखी हैं। उन्हें 2012 में विधानसभा का टिकट नहीं दिया गया फिर भी वे पार्टी में बने रहे। वर्ष 2017 के चुनाव में भी टिकट काट दिया गया। तब मुझे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बगावत करने से मनाया गया। मैं उस समय भाजपा नेतृत्व के लालीपाॅप में फंस गया। मुझसे जिला पंचायत चुनाव की तैयारी करने को कहा गया। मेरी पत्नी शांति सिंह जिला पंचायत सदस्य का चुनाव वार्ड संख्या 25 से जीत गयीं लेकिन लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट एक धनबली ठेकेदार की पत्नी को दे दिया गया जबकि मुझे भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष ने टिकट के लिए आश्वस्त किया था। श्री सिंह ने कहा कि मैं दुखी मन से आगे की दिशा के बारे में मनन कर रहा हूं। क्षेत्र की जनता से भी राय मांगी है।

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हरिशंकर सिंह ने अपनी फेसबुक पोस्ट में पिछले एक दशक से पार्टी द्वारा किए गए व्यवहार की को भी बयान किया है। उन्होंने लिखा है- बहुत दुःखी हूँ। अपने 33 वर्ष की राजनीतिक जीवन मे इतनी घोर साजिश कभी नही देखा मैने। पाँच साल मै ब्लॉक प्रमुख रहा हू, अगर ये कह के पर्चा खारिज कर दिया जा रहा है कि आप के पर्चे में कमी है तो ये साजिश नही है तो क्या है। पिछले तीन दिन से माननीय मंत्री जी , सीओ इटवा ,चार थाने के सीओ मिलकर बीडीसी खोज रहे थे ,इतनी मेहनत के बाद जब इन लोगों को 4-5 की संख्या में सदस्य मिले, जब इन लोगो को लगा कि अब बहुत बुरी तरह से हार जाएंगे चुनाव तब इनलोगो के द्वारा इस तरह की घटिया साजिश रची गयी।

श्री सिंह ने लिखा है कि ‘ 2012 मेरा टिकट कटा तो पार्टी के समर्थन में मैंने चुनाव नही लड़ा। 2017 में फिर मेरे पीठ पर खंजर मारा गया,लेकिन अमित शाह जी के आग्रह पर सब कुछ भूल कर मैं चुनाव नही लड़ा। वर्ष 2021 में जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट मैंने पार्टी से माँगा तो पार्टी और जिले के जनप्रतिनिधियों ने 4 महीने पुराने अरबपति को उम्मीदवार बना दिया। अब जब मैं ब्लॉक प्रमुख का टिकट माँगा पार्टी से तो मंत्री जी पूरी ताकत लगा कर मेरा टिकट कटवा दिए। फिर मैंने बीडीसी सदस्यों के आग्रह पर निर्दल लड़ने का फैसला किया तो हार के डर से बौखलाए मंत्री जी ने साजिश के तहत मेरा पर्चा खारिज करवा दिया गया। अंत मे मैं इतना ही कहूंगा तुम साजिश करो हम संघर्ष करेंगे। ’