क़ानूनी सहायता शिविर में भूमि, शिक्षा, पुलिस उत्पीड़न के मामले आए

देवरिया। ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क (एचआरएलएन) और क़ानून पीड़ित न्याय मंच के संयुक्त तत्वावधान में आज नागरी प्रचारिणी सभागार में कानूनी सहायता एवं सामाजिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में पाँच दर्जन से अधिक लोगों ने भाग लिया. शिविर में संवैधानिक एवं कानूनी अधिकारों पर चर्चा की गई।

शिविर में भगनानी देवी ने पट्टे पर मिली ज़मीन पर जाने के लिए रास्ता न होने का मामला उठाया। उन्होंने बताया कि वर्षों तक दौड़ धूप करने के बावजूद इन्हें न्याय नहीं मिल पाया है। वे अपने घर तक जा नहीं पा रही हैं। रामेश्वर वर्मा ने बताया कि उनकी 14 डिस्मिल भूमि में से दस डिस्मिल ज़मीन पर क़ब्ज़ा कर लिया हुआ है जिसे ख़ाली कराने का अब तक उनका प्रयास विफल साबित हुआ है। देवरिया की निवासिनी एक महिला का कहना था कि उनके द्वारा दहेज उत्पीड़न के केस में कार्यवाही नहीं हो पा रही है। साथ ही भरण पोषण के केस में दिए गए आदेश का अनुपालन नहीं हो पा रहा है।

हरेंद्र कुमार पाल धनग़र की शिकायत थी कि धनगर जाति के लोगों को अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है। एक कालेज के अंशकालिक शिक्षक ने नियमानुसार वेतन न दिए जाने का मुद्दा उठाया। शिक्षा अधिकार मंच के डॉ चतुरानन ओझा ने कहा कि स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों में शिक्षकों के अधिकारों का खुला उल्लंघन हो रहा है। उन्हें नियमानुसार वेतन और अन्य सुविधाएँ नहीं दी जा रही हैं।

देवरिया के टाउनहाल पार्क को वर्षों से बंद रखे जाने का भी मसला शिविर में उठा और इस प्रकरण में क़ानूनी सहायता की माँग की गई।

शिविर में सामाजिक कार्यकर्ता शमीम इक़बाल ने कहा कि राज्य मानवाधिकार आयोग में कई लाख प्रकरण लम्बित हैं। देवरिया के कई मामलों में राज्य मानवाधिकार आयोग ने शिकायत रजिस्टर्ड की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की। आयोग में प्रेषित मामलों में वर्षों तक कोई कार्यवाही नहीं होती।

शिविर में अधिवक्ता सुभाष राय, अरविंद गिरी, अविनाश सिंह, रामकिशोर वर्मा ने लोगों को क़ानूनी अधिकारों की जानकारी दी। सामाजिक कार्यकर्ता शमीम इक़बाल, डॉ चतुरानन ओझा, सुजीत श्रीवास्तव ने मानवाधिकारों के बारे में बताया। शिविर का संचालन पत्रकार एवं एक्टिविस्ट मनोज कुमार सिंह ने किया।