गोरखपुर मण्डल में 30 हजार इंडिया मार्का हैंडपंपों में 6357 खराब

गोरखपुर। गोरखपुर मण्डल के चार जिलों में 30 हजार इंडिया मार्का हैंडपंपों में 6357 खराब पाए गए हैं। खराब हैण्डपम्पों को ठीक न किए जाने पर कमिश्नर रवि कुमार एनजी ने नाराजगी प्रकट करते हुए उप निदेशक पंचायती राज को कहा कि वे निरन्तर क्षेत्रीय भ्रमण करें तथा उसकी सूची मय फोटोग्राफ्स उपलब्ध कराएं अन्यथा उनका वेतन रोका जायेगा। उन्होंने कहा कि जे.ई/एईएस केसेज बढ़ने से रोकने हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाएं प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित की जाये।

कमिश्नर रवि कुमार एन.जी. तीन सितम्बर को आयुक्त सभागार में पंचायती राज विभाग के कार्यों की मण्डलीय समीक्षा बैठक कर रहे थे। गोरखपुर को छोड़कर शेष अन्य तीन जनपदों की उन्होंने आनलाइन समीक्षा की। हैण्डपम्पों की स्थिति की समीक्षा के दौरान यह पाया गया कि 30 हजार हैडपंपों में से 6357 खराब हैं।

कमिश्नर ने कहा कि आम जन को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना हम सबका दायित्व है। कोई भी हैण्डपम्प खराब नही होने चाहिए। सभी चालू हालत में हो और जल की गुणवत्ता की जांच अवश्य करायी जाये।

अमृत योजना की समीक्षा के दौरान मण्डलायुक्त ने कहा कि पार्कों का सौन्दर्यीकरण एवं उसे विकसित करने की आवश्यकता है। पार्किंग हेतु ट्रेक बनाये जाये। बताया गया कि इस योजना के तहत गोरखपुर में 18 तथा देवरिया में तीन पार्कों का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। जनपद देवरिया में अभी तक पार्क निर्माण की प्रगति न पाये जाने पर नाराजगी प्रकट करते हुए मण्डलायुक्त ने ई0ओ0 देवरिया से स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिये। अपशिष्ट प्रबंधन की समीक्षा के दौरान उन्होंने अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह लोगों को गीला एवं सूखा कूड़ा अलग अलग रखने हेतु जागरूक करें ताकि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन किया जा सके। स्थानीय जनों के साथ इस संबंध में बैठक भी करें और एक अभियान के तहत प्लास्टिक के प्रयोग को पूर्णतया प्रतिबंधित किया जाये क्योंकि प्लास्टिक स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के प्रति काफी नुकसानदायक होता है और इससे नालिया जाम होती है।

स्वच्छ भारत मिशन की समीक्षा के दौरान मण्डलायुक्त ने निर्देश दिये कि खुले में शौच पूर्णतया प्रतिबंधित है और हर घर में शौचालय निर्मित हो, कोई भी घर शौचालय से वंचित नही होना चाहिए और इसका प्रयोग भी होना चाहिए। प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि यह शासन की महत्वपूर्ण योजना है, पात्रों का चयन पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाये, पात्र व्यक्ति योजना से वंचित नही होना चाहिए। इसमें कही भी गड़बड़ी/अनियमितता की शिकायत नही आनी चाहिए अन्यता संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही तय है। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना के तहत जिन लाभार्थियों को धनराशि अवमुक्त की गयी है उनके मकान तैयार होने चाहिए, इसका विधिवत सत्यापन कराया जाये।

सामुदायिक शौचालय निर्माण की समीक्षा के दौरान मण्डलायुक्त ने कहा कि लक्ष्य के सापेक्ष शत प्रतिशत कार्य पूर्ण हो, उसका जी0ओ0 टैगिंग अवश्य कराया जाये। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दें तथा सामुदायिक शौचालय ऐसे जगह बनाये जाये जिसका वास्तविक उपयोग हो सके, उसके देख रेख की व्यवस्था भी की जाये और जहां पर यह तैयार हो गया है उसका सुचारू रूप से संचालन हो। उन्होंने यह भी कहा कि इसके बेहतर संचलन हेतु स्वंय सहायता समूहों को जोड़ा जाये तथा उसके मेन्टेनेन्स आदि के लिए ग्राम प्रधान का सहयोग लें इसके अतिरिक्त जिस स्वयं सहायता समूहो को इस कार्य में जोड़ा जा रहा है उन्हें मानदेय स्वरूप धनराशि भी दी जाये और जिस ग्राम पंचायत में कोटे की दुकान खाली हो उसे भी इस समूह को आवंटित करें। सामुदायिक शौचालय बनाने के साथ ही आवश्यक है उसका सही संचलन हो और स्वंय समूहों के साथ एग्रीमेन्ट भी किया जाये और सामुदायिक शौचालय में दो प्रवेश द्वार बनाया जाये। आपरेशन कायाकल्प योजना की समीक्षा के दौरान मण्डलायुक्त ने निर्देश दिये कि जहां पर कार्य पूर्ण हो गया है उसका सत्यापन भी करा लिया जाये।
बैठक में अपर आयुक्त प्रशासन ए.के. सैनी सहित विभिन्न विभागों के संबंधित अधिकारी गण उपस्थित रहे।