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कवि, साहित्यकार विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार और अनियमितता के ख़िलाफ़ चुप्पी तोड़ें

गोरखपुर। वरिष्ठ कवि और विमर्श केन्द्रित संस्था, ‘आयाम’ के संयोजक देवेन्द्र आर्य ने गोरखपुर विश्वविद्यालय में व्यापक भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ प्रो कमलेश गुप्त व  अध्यापकों, छात्रों के सत्याग्रह का समर्थन करते हुए कवियों, साहित्यकारों , बुद्धिधर्मियों से चुप्पी तोड़ने की अपील की है।
फेसबुक पर जारी बयान में देवेन्द्र आर्य ने कहा कि विगत कुछ महीनों से पूर्वांचल में उच्च शिक्षा के केन्द्र, गोरखपुर विश्वविद्यालय में व्यापक भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप और उनकी जांच की मांग को मुद्दा बना कर विवि के प्रोफेसर कमलेश गुप्त के संघर्ष की ख़बरों से हम अपरिचित नहीं हैं. लोकतांत्रिक ढंग से उठाई जा रही इन मांगों को पहले अनसुना किया गया और बाद में उन पर संज्ञान लेने के नाम पर कुलाधिपति कार्यालय द्वारा जांच कराने की ज़िम्मेदारी आरोपित कुलपति को ही सौंप दी गयी. परिणामस्वरूप प्रो. कमलेश ने विवि के इतिहास में पहली बार अपनी मांगों को लेकर सत्याग्रह करने का रास्ता चुना और विवि ने दण्ड स्वरूप उनको निलंबित कर दिया है.
महीनों से पत्राचार और सोशल मीडिया के माध्यम से चल रहे इस एकल संघर्ष में अब विवि के अध्यापकों और छात्रों की भागीदारी भी शुरू हो गयी है. विमर्श केन्द्रित संस्था, ‘आयाम’ इन सारी गतिविधियों पर चिंता व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय में चल रही अनियमितताओं और उसके विरुद्ध संघर्ष से एकजुटता प्रकट करती है.
विवि के शैक्षणिक स्तर को बर्बाद करने वाले निर्णयों और वीसी द्वारा की जा रही कथित अनियमितताओं के विरुद्ध कमलेश जी और अन्य सभी अध्यापकों, छात्रों के इस संघर्ष में ‘आयाम’ उनके साथ है. संस्था उनके साहस को सलाम करती है और उसका नैतिक समर्थन भी करती है . यह भी निर्णय लिया गया कि ‘आयाम’ के सक्रिय सदस्य धरनास्थल पर जाकर इस लोकतांत्रिक सत्याग्रह में हिस्सेदारी करेंगे.
यह समय ख़तरा मोल लेकर सड़क पर उतरने का है और जो संघर्ष में उतर चुके हैं उनका समर्थन करने का है. शिक्षा जगत के भ्रष्टाचार और अनियमितता के ख़िलाफ़ कवियों, साहित्यकारों , बुद्धिधर्मियों की चुप्पी टूटनी ही चाहिए.

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