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हज यात्रा के लिए 64 लोगों ने किया आवेदन

गोरखपुर। दो साल से कोरोना महामारी के चलते बंद हज यात्रा इस बार होगी। हज यात्रियों ने तैयारियां शुरु कर दी हैं। हज ट्रेनिंग भी चालू हो गई है। गोरखपुर से इस बार महज 64 हज यात्री ही हज यात्रा पर जायेंगे। हज यात्रा करने वालों ने हज की पहली किश्त व जरुरी कागजात जमा कर दिए हैं। हज के जरूरी अरकान जुलाई माह में अदा किए जायेंगे। वहीं भारत से सऊदी अरब के लिए रवानगी जून माह में होगी।

गाजी रौजा के रहने वाले मुख्तार अहमद कुरैशी पिछले चार बार से आवेदन कर रहे हैं। एक बार तो लिस्ट में नाम भी आया। हज की फीस जमा की। हज ट्रेनिंग भी की लेकिन कोरोना महामारी की वजह से हज यात्रा निरस्त हो गई। अबकी बार फिर से आवेदन किया। हज की पहली किश्त व जरुरी कागजात जमा कर चुके हैं। इनके साथ इनकी पत्नी जुबैदा खातून व एक अन्य रिश्तेदार नूरुननिसा हज पर जा रही हैं। हज की तैयारी शुरु कर दी है।

मुख्तार अहमद के पुत्र सेराज अहमद कुरैशी ने बताया कि हज यात्रा को लेकर माता-पिता बहुत खुश हैं। तैयारी पूरी है। दुआ है कि इस बार परंपरा के अनुसार हज यात्रा मुकम्मल हो जाए।

हाफ़िज़ रहमत अली निज़ामी ने बताया कि हज दीन-ए-इस्लाम का आखिरी फरीजा है। जिसे अल्लाह ने सन् 9 हिजरी में फर्ज फरमाया। जो मालदारों पर फर्ज है और वह भी ज़िंदगी में सिर्फ एक बार। अल्लाह का इरशाद है कि अल्लाह की रज़ा के लिए लोगों पर हज फ़र्ज़ है, जो उसकी इस्तिताअत रखे।

उन्होंने बताया कि सऊदी अरब सरकार से हज यात्रा की हरी झंडी मिल चुकी है। हज यात्रियों में खुशी है। कोरोना महामारी की वजह से पिछली दो हज यात्रा स्थगित हुई। इसी कारण अबकी कम संख्या में लोगों ने आवेदन किया है। अमूमन गोरखपुर-बस्ती मंडल से हर साल करीब दो हजार से अधिक लोग हज यात्रा पर जाते हैं। गोरखपुर से ही करीब चार सौ के करीब लोग हज यात्रा पर जाते थे।

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