समाचार

उत्तर प्रदेश में बनेंगे तीन सुरक्षित गिद्ध क्षेत्र

प्रदेश में अस्थायी सुरक्षित गिद्ध क्षेत्र बनाने को लेकर प्राणी उद्यान में हुई बैठक में 14 प्रभागीय वन अधिकारी हुए शामिल

गोरखपुर। प्रदेश में गिद्ध के प्रजनन एवं संरक्षण के लिए तीन अस्थायी सुरक्षित गिद्ध क्षेत्र का निर्माण किया जाएगा। प्रत्येक क्षेत्र की परिधि 100 किलोमीटर होगी।

यह निर्णय सोमवार को शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव उत्तर प्रदेश केपी दूबे की अध्यक्षता में हुई अस्थाई सुरक्षित गिद्ध क्षेत्र निर्माण विषयक बैठक में लिया गया।

बैठक में निर्णय लिया गया कि गोरखपुर के कैम्पियरगंज के भारी वैसी में निर्मित किए जा रहे देश के पहले रेड हेडेड वल्चर ब्रीडिंग एवं कंजरेशन सेंटर में जन्म लेने वाले पक्षियों को गिद्ध सुरक्षित क्षेत्र में छोड़ा जाएगा। इसके लिए पहला गिद्ध सुरक्षित क्षेत्र दुधवा, लखीमपुर खीरी और सीतापुर जनपद के आसपास 100 किमी की परिधि में बनाया जाएगा। जहां इन गिद्धों को छोड़ा जाएगा। इसी तरह सोहगीबरवा और सिद्धार्थनगर रेंज में भी एक एक गिद्ध सुरक्षित क्षेत्र विकसित किया गया है।

बताया गया कि अध्ययनों में पाया गया है कि सामान्यत: एक गिद्ध 100किमी के परिक्षेत्र में किसी भी मृत पशु तक आसानी से पहुंच जाता है। इस बात पर भी सहमति बनी की सुरक्षित गिद्ध क्षेत्र में वन विभाग, खाद्य एवं औषधि विभाग, पशुपालन विभाग, जिला प्रशासन, कृषि विभाग, उद्यान विभाग को सामंजस्य बना कर गिद्धों को हानि पहुचाने वाले कारकों को खत्म करने के लिए एक साथ मिल कर काम करेंगे।

बॉम्बे नैचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के उप निदेशक डॉ विभु प्रकाश ने बताया कि संस्था के अध्ययन में सामने आया है कि प्रतिबंधित होने के बाद भी पशुओं के उपचार में डाइक्लोफेनिक दवाएं इस्तेमाल की जा रही हैं। इसके अलावा केटोपोर्फेन, निम्युसूलाइड भी गिद्धों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। बैठक में निर्णय लिया गया कि निदेशक पशुपालन एवं खाद्य एवं औषधि विभाग मिल कर डाइक्लोफेनिक दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगाएंगे।

संवर्धन केंद्र को जल्द संचालित करें

बैठक में निर्णय लिया गया कि गिद्ध संवर्धन के लिए कैम्पियरगंज में केन्द्र को जल्द शुरू किया जाए। इसके निर्माण को शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण कर इसमें वल्चर ब्रीडिंग का कार्य प्रारम्भ किया जाए। मुख्य वन संरक्षक इको विकास नीरज कुमार, मुख्य वन संरक्षक गोरखपुर मण्डल भीम सेन, प्रभागीय वनाधिकारी विकास यादव, प्राणी उद्यान के निदेशक डॉ एच राजा मोहन, प्रभागीय वनाधिकारी टी रंगाराजू, पुष्प कुमार, प्रभाकर गुप्ता, एके श्रीवास्तव, शितान्शु पाण्डेय, पशुपालन विभाग गोरखपुर मण्डल अपर निदेशक डॉ जीके सिंह आदि इसमें शामिल रहे। सोमवार की शाम प्राणी उद्यान एवं कैम्पियरगंज केंद्र का निरीक्षण भी किया गया।

Related posts