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किसानों की जमीन पर एयरपोर्ट बनाने के बजाय हर पाँच किलोमीटर पर मंडी बनाए सरकार-मेधा पाटकर

आज़मगढ़। जनांदोलनों की नेता मेधा पाटकर आठ नवंबर को इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के विरोध में चल रहे किसानों के आंदोलन में शामिल होने जमुआ की खिरिया की बाग पहुंची। उनके साथ इलाहाबाद से अम्बेडकर वाहिनी के डॉ आरपी गौतम, बुलंदशहर से किसान नेता पूनम पंडित, लखनऊ से घंटाघर आंदोलन की नेता अज़रा मोबिन, डॉ संदीप पाण्डेय, एनएपीएम की राष्ट्रीय समन्वयक अरुंधती धुरू, गोरखपुर से भीम आर्मी के रविन्द्र सिंह गौतम, हाईकोर्ट अधिवक्ता संतोष सिंह, बलिया से राघवेंद्र राम, मऊ से अरविंद मूर्ती, अफाक भी धरने के समर्थन में पहुंचे।

सभा को संबोधित करते हुए मेधा पाटकर ने कहा की जो जमीन पीढ़ियों से हमारे पास है वह हमें अन्न की सुरक्षा के साथ जीवन जीने का अधिकार देती है। सरकार विकास की बात करती है लेकिन विकास का चरित्र क्या होगा, इस पर बहस नहीं करती. यह किसानों और मजदूरों की जमीन छीनकर पूँजीपतियों के लिए एयरपोर्ट बना रहे हैं, जिसकी आम जनता को कोई आवश्यकता नहीं है. अगर यह वास्तविक विकास करना चाहते हैं तो किसानों के लिए हर पांच किलोमीटर पर मंडी का निर्माण कराएं।

मेधा पाटकर ने पंचायत में लोगों से पूछा कि क्या आप जमीन देना चाहते हैं ? जनता ने कहा हाथ उठाकर एक स्वर में कहा कि नहीं। पाटकर ने कहा कि डीएम साहब क्यों संविधान का पालन नहीं करना चाहते। आज यह किसान पंचायत एक लाइन का प्रस्ताव पारित करती है कि हम किसी भी हाल में अपनी जमीन नहीं देंगे. जिलाधिकारी इस आशय की सूचना उड्डयन मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दें।

किसान नेता पूनम पंडित ने कहा कि हम न अपनी जान दे देंगे लेकिन जमीन नहीं देंगे। सरकार को विकास करना है तो लोगों के लिए अस्पताल और स्कूल बनाए। एयरपोर्ट बनाना फर्जी विकास है। यह जनता के हित में नहीं है। किसी भी हालत में हम यह एयरपोर्ट नहीं बनने देंगे, चाहे हमें बुलंदशहर से आकर यहां रुकना ही पड़े।

पंचायत की अध्यक्षता रामनयन यादव ने की और संचालन किसान नेता राजीव यादव ने किया.

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