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सरकार ने सामान्य जनता के लिए खजाना का मुंह बंद कर दिया है :  डॉ प्रमोद कुमार शुक्ला

गोरखपुर। राजीव गांधी स्टडी सर्किल, गोरखपुर के समन्यवक डॉ प्रमोद कुमार शुक्ला ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत राष्ट्रीय बजट को कंजूसी का बजट बताया। उन्होंने कहा कि इस बजट ने किसानों, गरीबों, युवाओं, बेरोजगारों, विद्यार्थियों के साथ ही आम जनता के लिए निराश किया है। सरकार ने सामान्य जनता के लिए खजाना का मुंह ही बन्द रखा है। इनकम टैक्स में छूट का सर्वाधिक लाभ अमीरों के लिए प्रस्तावित है, अमीरों के लिए तेरह प्रतिशत तक की छूट दी गई है, जबकि मध्यम वर्ग के लिए सिर्फ झुनझुना दिया गया है।

उन्होंने कहा कि मध्यम वर्ग के बचत योजनाओं को कोई प्रोत्साहन न देकर, बचत के दृष्टिकोण से हतोत्साहित किया गया है ,वो भी ऐसे समय में जब सामाजिक एवं आर्थिक संरक्षा और सुरक्षा हेतु पेंशन योजना भी नहीं है,और संपूर्ण विश्व आर्थिक अनिश्चितता के नैराश्य परिदृश्य में है। ग्रामीण रोजगार की संजीवनी मनरेगा के संतृप्ता के अनुमानित बजट 1.18 लाख करोड़ के सापेक्ष आधी धनराशि 60,000 करोड़ रुपए ही आवंटित हुए हैं। किसानों के समस्याओ पर कोई चर्चा ही नहीं है और न ही किसानों के दीर्घकालीन मांग एम एस पी का संज्ञान लिया गया है। शहरी बेरोजगारी, जन स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर खजाने का मुंह बंद ही रहा। फूड सब्सिडी का बजट तो घटा ही दिया गया है।

डॉ शुक्ल ने कहा कि सुरसा की तरह मुंह खोले प्रचण्ड महंगाई को इसी खजाने से भरा जा सकता है, पर इसमें भी भयानक रूप से कंजूसी की गई है। इस सरकार ने अपनी प्रजा को एक बार फिर महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी के चक्रव्यूह में नैराश्य के अंधकारमय एवं भयावह वातावरण छोड़ दिया गया है।