गोरखपुर। दलित, पिछड़ा व गरीब भूमिहीनों को प्रति परिवार एक-एक एकड़ जमीन दिलाने के लिए गोरखपुर कमिश्नर कार्यालय पर अम्बेडकर जन मोर्चा ने आज जोरदार धरना-प्रदर्शन किया। अम्बेडकर जन मोर्चा के मुख्य संयोजक श्रवण कुमार निराला के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग जूते और अपनी मांग बको लेकर आवाज बुलंद की।
इस मौके पर अम्बेडकर जन मोर्चा के मुख्य संयोजक श्रवण कुमार निराला ने कहा कि तेलंगाना की सरकार ने पिछड़े दो सालों में वहां के भूमिहीनों को तीन-तीन एकड़ जमीन दिया है। जब तेलंगाना सरकार दे सकती है तो उ0प्र0 सरकार क्यों नहीं दे सकती है। मुख्यमंत्री जी दलितों के घर खिचड़ी खाने का राजनैतिक ड्रामा करते है, पर दलितों को वास्तविक अधिकार नहीं देना चाहते हैं। इस दोहरा चरित्र को दलित समाज समझ रहा है। उन्होंने कहा कि दलितों के साथ खिचड़ी खाने और सफाई कर्मियों के पैर धुलने का नाटक करने के बजाय प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को दलितों, पिछड़ों को गरीब भूमिहीनों को जमीन देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भूमिहीनों को जमीन दिलाने के लिए आन्दोलन का यह दूसरा चरण है। पहले चरण में 17 दिसम्बर 2022 को गोरखपुर में अम्बेडकर जन मोर्चा ने बड़ी रैली कि थी। यदि हमारी मांग पूरी नहीं हुई तो 10 अक्टूबर 2023 को पाँच लाख लोगों के साथ विशाल रैली कि जाएगी।
सभा को सम्बोधित करते हुए अम्बेडकर जन मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष सीमा गौतम ने कहा कि भूमि का सवाल दलित आन्दोलन का अनिवार्य हिस्सा है। जमीन के महत्व को बाबा साहब डॉ0 बी0आर0 अम्बेडकर और मान्यवर कांशीराम समेत महात्मा फूले, छत्रपति शाहुजी महाराज और पेरियार ने भी इस सवाल पर अपनी राय रखी है। मान्यवर कांशीराम जी अपने अधिकतर भाषणों में दलितों, पिछड़ों को जमीन दिलाने की बात करते थे।
सीमा गौतम ने आगे कहा कि अम्बेडकर जन मोर्चा समय-समय पर दलितों, पिछड़ों के हकों कि आवाज उठाता रहा है। पिछले दिनों मोर्चा ने दलित, पिछड़े, छात्रों की छात्रवृत्ति व शुल्क प्रति पूर्ति के लिए भी बड़ी रैली करके छात्रों के हित में आन्दोलन किया था। हम अपना अधिकार संघर्ष करके ही लेंगे , यह हमारा संकल्प है।
अम्बेडकर जन मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एडवोकेट बृजेश्वर निषाद ने कहा कि जमीन हमारे अस्तित्व का आधार है। जमीन हमारे पास होगा तो हमें स्थाई रोजगार मिलेगा, हमारा स्वाभिमान बचेगा। हमारी बहन, बेटियाँ दूसरे के खेतों में काम करने के लिए मजबूर नहीं होंगी। देश में जमीन के मामले में आज भी भारी असमानता है। किसी के पास सौ-दो सौ एकड़ तो किसी के पास हजारों एकड़ जमीन है। राजा रजवाड़े स्टेट बने हैं , जबकि देश में आज भी दलित पिछड़ा समाज अधिकतर एक दो डिस्मील जमीन के लिए तरस रहा है। हम इस असमानता के खिलाफ है।
अम्बेडकर जन मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष ऋषि कपूर आनन्द ने कहा कि यह एक सच्चाई है कि जहां आज भी पुराने जमीदारों एवं कार्पोरेट घरानों के पास हजारों एकड़ जमीन है, वही पर लगभग 57 प्रतिशत दलित परिवार भूमिहीन है अर्थात् उनके पास ना घर बनाने की जमीन है, ना खेती करने का जमीन है।
मोर्चा के मण्डल अध्यक्ष श्रवण शर्मा ने कहा कि हमारी मांग है कि हर भूमिहीन, परिवार को एक-एक एकड़ जमीन दिया जाये और दलितों, पिछड़ों को प्रति परिवार रू0 20-20 लाख का आर्थिक अनुदान दिया जाय। ताकि गरिब अपना व्यवसाय व्यापार कर सके। दलितों, पिछड़ों के बच्चों को पढ़ने के लिए सरकार विदेश भेजे। इसका पूरा खर्चा सरकार वहन करें, सबको शिक्षा व चिकित्सा निःशुल्क किया जाये।
सभा का संचालन अम्बेडकर जन मोर्चा के मण्डल उपाध्यक्ष आनन्द कुमार ने किया। इस अवसर पर चन्द्रदेव प्रताप सिंह, अवधेश कुमार, राजेन्द्र प्रसाद, एल0बी0 गौतम, बैजनाथ कन्नौजिया, हरिलाल भारती, राजन पासवान, लालजी भारती, अभिषेक कुमार, गामा सोनकर, पिण्टू गौड़, सिद्धार्थ गौतम, रत्नेश कुमार, धर्मा देवी, मनिता भारती, रिंकी देवी, सीमा देवी, श्रवण कुमार, प्रेम कुमार, विरेन्द्र कुमार, हिदायत अली, धर्मेन्द्र प्रधान, कमल कुमार, संगम कुमार, भोला नाथ, संजय कुमार, अशोक मौर्या, संन्तोष कुमार एडवोकेट, जय कुमार एडवोकेट, रवि प्रकाश गौतम, आनन्द कुमार, संध्या देवी, ज्योति कुमारी, चन्द्रावती देवी संजीता भारती आदि उपस्थित थे।