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श्रमदान से बांसी नदी को साफ करने का काम शुरू

कुशीनगर। नारायणी नदी से कुशीनगर के कटाई भरपुरवा के सरेह से निकलकर उ प्र व बिहार की सीमा से बहने वाली बांसी नदी के जीर्णोद्धार के लिए जिलाधिकारी ने 22 मार्च को सात स्थानों पर श्रमदान से सफाई कार्य का प्रारंभ कराया। सफाई कार्य में आला अधिकारियों सहित सफाईकर्मियों ने भाग लिया।

बुधवार सुबह 10 बजे के करीब अफसरों के साथ पहुंचे जिलाधिकारी रमेश रंजन ने जिले के कटाई भरपूरवा स्थित शिवमंदिर उचका टोला के समीप बांसी नदी में जलकुम्भी निकाल श्रमदान की शुरुआत की। इसके बाद जिले के कई ब्लाकों से आये सफाई कर्मी नदी को साफ करने हेतु जलकुम्भी निकालने में जुट गए।

डीपीआरओ अभय यादव ने बताया कि जरार, चिरइहवा सहित 7 स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित कर बांसी नदी को श्रमदान के जरिए साफ किया जा रहा है।

इस दौरान सी डी ओ गुंजन द्विवेदी, डी सी मनरेगा राकेश, खंड विकास अधिकारी सुशील कुमार सिंह उपस्थित थे।

बांसी नदी की अविरल धारा स्वच्छ जल से परिपूर्ण हुआ करती थी परन्तु नारायणी के अपने स्थान बदलने व कटान की वजह से इसके मुहाने से नदी के दूर हो जाने की वजह से यह सिर्फ बरसाती नाला के रूप में तब्दील होकर रह गई है। रही सही कसर अवैध अतिक्रमण ने पूरा कर दिया है जिस वजह से इस नदी के अस्तित्व पर ही संकट आ गया है।

जनश्रुतियों के मुताबिक भगवान राम ने विवाहोपरांत मिथिला से पूरी बारात के साथ लौटते समय इसी नदी के किनारे विश्राम व स्नान किया था। नदी के कई घाटों के नाम (रामघाट, लक्ष्मण घाट) इससे जुड़े हुए हैं।

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