नगर निकाय चुनाव 2023

सपा के निषाद नेताओं का आरोप -डॉ संजय निषाद को निषाद समाज की नहीं सिर्फ अपने परिवार की चिंता

गोरखपुर। समाजवादी पार्टी के निषाद नेताओं पूर्व मंत्री रामभुआल निषाद, पिपराइच से विधानसभा चुनाव लड़ चुके अमरेन्द्र निषाद और पूर्व जिलाध्यक्ष नगीना प्रसाद साहनी ने 26 अप्रैल को पत्रकार वार्ता में निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद पर जमकर हमला बोला और उन्हें समाज के बजाय परिवार के लाभ के लिए राजनीति करने का आरोप लगाया।

तीनों नेता गोरखपुर नगर निगम के महापौर पद की प्रत्याशी काजल निषाद और सपा के पार्षद प्रत्याशियों के समर्थन में पत्रकार वार्ता कर रहे थे। सपा नेताओं ने कहा कि अपने को पॉलीटिकल गॉड फादर आफ फिशर मैन कहलवाने वाले एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सिर्फ व्यक्तिगत लाभ चाहिए। व्यक्तिगत स्वार्थ व परिवार के लाभ के लिए वह राजनीति कर रहे हैं। समाज के विकास और उत्थान से उन्हें कुछ भी लेना देना नहीं है।

निषाद नेताओं ने कहा कि भाजपा ने निषाद समाज की सिर्फ उपेक्षा की है। समाज को वोट बैंक समझने वाले इन दोनों दलों के झांसे में लोग नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकारों ने ही निषाद समाज के उत्थान के लिए कार्य किए थे। अनुसूचित जाति में निषाद समाज को रखने के लिए समाजवादी सरकारों ने शासनादेश भी जारी किया था। ताल खनन, मत्स्य का पट्टा समाजवादी सरकारों ने दिया था। इतना ही नहीं समाजवादी सरकारों ने अपने शासनकाल में 320000 मछुआ आवास दे रही थी, योगी सरकार ने उसे घटाकर 200000 कर दिया। इससे स्पष्ट होता है कि कौन निषाद समाज का सच्चा हितैषी है।

सपा नेताओं ने कहा कि महाराजा निषादराज की जयंती पर अवकाश समाजवादी सरकार ने घोषित किया था जिसे भाजपा की सरकार ने बंद कर दिया। सबसे ज्यादा टिकट निषाद समाज को सपा ने दिया। निषाद समाज की बेटी फूलन देवी को जेल से निकालकर संसद भवन पहुंचाने का कार्य समाजवादी पार्टी ने किया। नेतात्रय ने कहां है कि निषाद समाज के लोगों का हित सपा में ही है।

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