गोरखपुर। अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोशिएशन (ऐपवा) महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा, रोजगार और आजादी को लेकर आंदोलन तेज करेगी। सितम्बर के पहले सप्ताह में ऐपवा अपना 9वां राज्य सम्मेलन गोरखपुर में करने जा रही है जिसमें प्रदेश के तमाम जिलों से महिला प्रतिनिधि शामिल होंगे।
यह जानकारी ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी और प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा ने दी। दोनों महिला नेता शुक्रवार को चौधरी चरण सिंह गेस्ट हाउस में ऐपवा की जिला स्तरीय बैठक में शामिल होने आईं थी।
बैठक को संबोधित करते हुए ऐपवा प्रदेश कृष्णा अधिकारी ने कहा कि भाजपा सरकार मे महिलाओं के ऊपर हिंसा, हत्या, बलात्कार की घटनाओं की शर्मनाक ढंग से इज़ाफ़ा हुआ है। अपराधियों और बलात्कारियों को सजा मिलने के बजाय संरक्षण मिला हुआ है । बहुमत से दुबारा सत्ता हासिल करने वाले और प्रदेश से अपराध कम करने और कानून का राज स्थापित करने की बात करने वाले मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश को पुलिस स्टेट में तब्दील कर दिया है। यूपी पुलिस घरों में घुसकर बेटियों को मार रही है, हत्या और अपराध में शामिल हो रही है और उन पर किसी भी तरह की कोई क़ानूनी कार्रवाई भी नहीं की जा रही है। प्रदेश में मुख्यमंत्री तानाशाही ढंग से संविधान, कानून और न्यायालय को ध्वस्त कर रहे हैं।
ऐपवा की प्रदेश सचिव कुसुम वर्मा ने कहा की डबल और ट्रिपल इंजन की भाजपा सरकार की बुलडोज़र राजनीति
महिलाओं को न्याय देने में फेल हो चुकी है। प्रदेश में कानून को ताक पर रखकर पुलिस आंदोलनकारियों को गिरफ्तार कर रही है। हाल में महिला पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए राजधानी लखनऊ में शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया। मिर्जापुर में गरीबों को उनकी जमीन से उजाड़ने के लिए सांगठनिक विरोध कर रही खेत मजदूरों की राष्ट्रीय नेता जीरा भारती को पुलिस ने जबरन गिरफ्तार किया और उनके साथ बदसलूकी की।
ऐपवा की जिलाध्यक्ष और खेत मजदूर नेता मनोरमा ने कहा कि ऐपवा योगी सरकार की महिला विरोधी- जनविरोधी कार्य नीतियों के ख़िलाफ़ है। योगी सरकार में महिला हिंसा और बलात्कार की घटनाओं में तेजी आई हैं एनसीआरबी के सरकारी आंकड़े इसके गवाह हैं।
ऐपवा नेता सपना श्रीवास्तव ने कहा कि महिलाएं महंगाई की मार से भी जूझ रही हैं। गैस सिलेंडर समेत खाने पीने की जरुरी वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कारगर ढंग से गांव -गांव में लागू करे और मनरेगा में सम्मनाजंक काम और मजदूरी को लागू करे।
बैठक में आशा यूनियन की जिलाध्यक्ष मीनू प्रजापति, सचिव स्वाति, राधा गौड़, संगीता, शांति यादव आदि महिलाएं उपस्थित थीं।