गोरखपुर। मणिपुर में नफरती भीड़ द्वारा दो कुकी महिलाओं पर यौन हिंसा की भयावह व पूरे देश को हिला देने वाली घटना के खिलाफ आज आधा दर्जन संगठनों ने नगर निगम परिसर स्थित लक्ष्मीबाई पार्क में दोपहर 11 बजे से दो बजे तक विरोध प्रदर्शन कर गृहमंत्री अमित शाह और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे और मणिपुर में हिंसा रोक पाने में नाकाम होने और इस पर चुप्पी साधे रहने पर प्रधानमंत्री से देश से माफी मांगने की मांग की।
विरोध प्रदर्शन में जन संस्कृति मंच, भाकपा माले, पूर्वांचल सेना, दिशा छात्र संगठन, ऐपवा, इंकलाबी नौजवान सभा के नेताओं, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं सहित बुद्धिजीवी, लेखक व एक्टिविस्ट शामिल हुए। सभा को वरिष्ठ कवि देवेन्द्र आर्य, जन संस्कृति मंच के महासचिव मनोज कुमार सिंह, वरिष्ठ पत्रकार जगदीश लाल श्रीवास्तव, भाकपा माले के जिला सचिव राजेश साहनी, पूर्वाचल सेना के अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप सिंह, इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, दिशा छात्र संगठन की अंजलि, एक्टिविस्ट आलोक मल्ल आदि ने सम्बोधित किया।
वक्ताओं ने कहा कि चार मई को कांगपोकपी जिले में जब महिलाएं अपने परिवार के सदस्यों के साथ पास के इलाके में गांवों को जलाने वाली भीड़ से बचने की कोशिश कर रही थीं, तब इस भयावह घटना को अंजाम दिया गया। भीड़ ने महिलाओं के कपड़े उतारकर उन्हें नंगा घुमाया और उनका यौन उत्पीड़न किया. करते हुए उन्हें नग्न परेड पर मजबूर किया गया। एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और उन्हें बचाने की कोशिश करने वाले दो परिजनों को मार दिया गया।
वक्ताओं ने कहा कि मणिपुर में ढाई महीने से जारी हिंसा को मणिपुर सरकार और मोदी सरकार का संरक्षण प्राप्त है। इस बर्बर घटना को मणिपुर और केन्द्र सरकार ने देश से छुपाए रखा और दोषियों के खिलाफ ढाई महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। प्रधानमंत्री का इस घटना पर दिया गया बयान बेहद गैर जिम्मेदाराना व अगंभीर है। उन्होंने मणिपुर में हिंसा की घटनाओं पर 79 दिन तक शर्मनाक चुप्पी बनाए रखी और हिंसा को रोकने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। इसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।
सभा में अपराधियों की तुरंत पहचान कर उनकी गिरफ्तारी कर सख्त सजा देने, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की गई और कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक टीम तत्काल मणिपुर भेजी जाए जो घटना की जांच कर इस पर रिपोर्ट जारी करे।
धरना-प्रदर्शन में सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश शाही पार्षद विजेन्द्र अग्रहरि, ऐपवा की मनोरमा, सपना श्रीवास्तव, भाकपा माले के जय प्रकाश यादव, सुदामा भारती, श्रीराम सिंह, ऐहतेशमुल, जन संस्कृति मंच के नितेन अग्रवाल, सुबुर अहमद, पूर्वांचल सेना के सुरेन्द्र वाल्मीकि, अर्णव गुप्ता, सुधीराम रावत, इंकलाबी नौजवान सभा के गिरीश आदि शामिल थे।