गोरखपुर। ओबीसी आर्मी के तत्वाधान में होटल विवेक में सात अगस्त को “ओबीसी आरक्षण दिवस” मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ओबीसी आर्मी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लखनऊ के पूर्व निदेशक कालीशंकर यदुवंशी ने तथा संचालन डॉ संजय कुमार जयसवाल ने किया। इस मौके पर कालीशंकर यदुवंशी ने कहा कि आबादी के अनुसार प्रत्येक क्षेत्र में 60 फ़ीसदी हिस्सेदारी लेने के लिए ओबीसी समाज लड़ाई लड़े।
उन्होंने कहा कि ओबीसी समाज एकजुट हो रहा है और आज अपने अधिकारों की लड़ाई स्वयं लड़ने का संकल्प ले चुका है। सात अगस्त 1990 को ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा हुए आज 33 साल हो गए परंतु आज भी 27% का कोटा पूरा नहीं हो रहा है। आज सुप्रीम कोर्ट में पिछड़े समाज के जजों की संख्या 1% भी नहीं है तथा सेंट्रल सेक्रेटेरिएट में भी हमारी भागीदारी शून्य है। कई मंत्रालयों और विभागों व विश्वविद्यालयों में ओबीसी की भागीदारी अनुसूचित जाति और जनजाति से भी पीछे है।
काली शंकर ने कहा कि पिछड़ों की आबादी देश की आबादी का लगभग 60 फ़ीसदी से अधिक है और विभिन्न क्षेत्रों में इनकी भागीदारी बहुत ही चिंताजनक संख्या में है. आज ओबीसी समाज ने संकल्प लिया है कि अपनी आबादी के अनुसार प्रत्येक क्षेत्र में 60 फ़ीसदी अपनी हिस्सेदारी लेने के लिए संवैधानिक और लोकतांत्रिक तरीके से आगे आकर के स्वयं लड़ाई लड़ेगा।
कार्यक्रम में पिछड़े समाज के हक अधिकारों के लिए 11 सूत्रीय प्रस्ताव पास किया गया तथा उसको पूरा करने के लिए संवैधानिक, लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण क्रांति के साथ संघर्ष का संकल्प लिया गया।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में विकास गुप्ता मोदनवाल, रिटायर्ड अधिकारी आर के यादव, जीएम अंसारी, विवेक पटेल, रामकेवल मौर्य, अजीत शर्मा, सुरेंद्र कुमार निषाद, डॉ विनोद राजभर, गोविंद प्रजापति, डॉ अरविंद सैंथवार, रामदेव चौहान, देवेंद्र विश्वकर्मा, रवि शंकर चौरसिया उपस्थित थे।
बैठक में प्रमुख रूप से नवीन जयसवाल, एसपी यादव, रवि प्रकाश जायसवाल, प्रहलाद साहनी, संतोष तुर्कवालिया, अनिल यादव, जयप्रकाश, आकाश, डॉक्टर शाहिद अंसारी, सत्यम यादव, काली प्रसाद मौर्य, ममता शर्मा, विजय जायसवाल, रोहित जयसवाल, दीपक शर्मा, इंद्रजीत, शाहिद अंसारी, रितेश, विशाल मौर्य, राधेश्याम यादव, दिव्यांश, जितेंद्र मौर्य, विपिन मद्धेशिया, गोपी, दिनेश शर्मा, मंटू शर्मा, रवि जयसवाल, मृत्युंजय, शिवम, सुदर्शन, देवेंद्र राजभर, बृजभान निषाद, सचिन, रामजतन, सुनील, ओम नाथ, शरद आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।