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कमलेश सिंह की हत्या में ग्राम प्रधान ,उनके माता-पिता, भाई समेत पांच पर केस

कुशीनगर। कुशीनगर जिले के खागी मुंडेरा गांव में पाँच अगस्त की रात जिला पंचायत सदस्य जामवंती देवी के बेटे इंजीनियर कमलेश सिंह की हत्या की घटना में ग्राम प्रधान धर्मेन्द्र पासवान, उनके पिता सुखदेव पासवान, मां पूर्व ब्लाक प्रमुख इसरावती देवी, भाई हरेन्द्र पासवान सहित पांच लोग नामजद और कई अज्ञात लोगों के खिलाु हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया हें। इस घटना में अभी तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है।

 कमलेश सिंह के अंतिम संस्कार के पहले परिजनों और लोगों ने अभियुक्तों को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर प्रदर्शन व रास्ता जाम किया। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों ने 72 घटे में अभियुक्तों की गिरफतारी का आश्वासन देकर उन्हें मनाया गया।

सोमवार को कुशीनगर जिले के चार विधायकों-मोहन वर्मा (हाटा) ,मनीष जायसवाल (पडरौना), विनय प्रकाश गोंड (रामकोला), विवेकानंद पांडेय (खड्डा) ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन देकर अभियुक्तों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी कार्यवाही की मांग की है।

शनिवार की रात जिला पंचायत सदस्य 42 वर्षीय कमलेश सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। बदमाशों ने उन्हें पांच गोलियां मारी। उन्हें हाटा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। परिजनों को कमलेश की मौत पर विश्वास नहीं हुआ और वे उन्हें बीआरडी मेडिकल कालेज ले गए। वहां चिकित्सकों ने परीक्षण करने के बाद कमलेश सिंह को मृत घोषित किया गया।

पोस्टमार्टम के बाद उनका अंतिम संस्कार छह अगस्त की शाम हेतिमपुर में छोटी गंडक नदी तट पर किया गया। इस मौके पर भारी भीड़ उपस्थित थी। सांसद विजय कुमार दूबे, पूर्व मंत्री राधेश्याम सिंह, विधायक मोहन वर्मा, महेन्द्र पाल सिंह, पीएन पाठक, पूर्व विधायक जीएम सिंह सहित कई दलों के नेता व जन प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

यह घटना पुरानी रंजिश में बतायी जा रही है। सुखदेव पासवान ओर राधेकृष्ण सिंह के परिवार में तीन दशक से अधिक समय से खूनी अदावत चल रही है। एक विद्यालय के प्रबंध तंत्र को लेकर हुए विवाद से शुरू हुई घटना जल्दी ही दुश्मनी में बदल गई। वर्ष 2002 से 2005 के बीच चार लोगों की हत्या हुई। सुखदेव पासवान के भाई जयकिशुन की खेत में काम करते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसके बाद कथित रूप से सुखदेव पासवान के घर पर हमला करने पर पासवान परिवार द्वारा की गई फायरिंग में गांव के विश्राम राजभर और गंगेश्वर सिंह मारे गए। इसके पूर्व सुखदेव पासवान पर ब्लाक पर बम से हमला भी हुआ था। दोनों परिवारों की रंजिश के चपेट में सुकरौली के बीडीओ कृपाशंकर तिवारी भी आए और मारपीट के दौरान उनकी मौत हो गई। सुखेदव पासवान के भाई जयकिशुन की हत्या में राधेकृष्ण सिंह के बेटे अनिरूद्ध सिंह बड़े अभियुक्त बनाए गए। बीडीओ की मौत में राधेकृष्ण सिंह और अनिरूद्ध सिंह अभियुक्त बने।

जयकिशुन पासवान की हत्या के आरोप में अनिरूद्ध सिंह को आजीवन कारवाास की सजा हुई। अच्छे आचरण के कारण वह 16 वर्ष कैद की सजा के बाद पिछले वर्ष रिहा हुए।

अनिरूद्ध सिंह ने जेल में रहते हुए अपनी माँ जामवंती देवी को  2012 का विधानसभा का चुनाव निर्दलीय लड़ा था। उन्हें 27,388 वोट मिले थे। जेल से छूटने के बाद अनिरूद्ध सिंह की पत्नी सुकरौली नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ी लेकिन हार गयीं।

अनिरूद्ध सिंह उर्फ बड़े के रिहा होने के बाद एक बार फिर खागी मंडेरा में पुरानी रंजिश सतह पर आने लगी। कमलेश सिंह की हत्या की घटना के पहले ग्राम प्राधान धर्मेन्द्र सिंह की गांव के ही सतोष सिंह के घर से विवाद हुआ। धर्मेन्द्र पासवान ने संतोष सिंह की मां को थप्पड़ मार दिया। जवाब में एक दिन बाद संतोष की बहन ने ग्राम प्रधान को थप्पड़ जड़ दिया। कमलेश सिंह को घटना की जानकारी हुई तो उन्होंने संतोष सिंह के यहां जाकर पूरे परिवार को समझा-बुझा कर विवाद को आगे नहीं बढ़ाने की सलाह दी। इसके कुछ देर बाद ही धर्मेन्द्र पासवान और उनके घर के लोग हथियार लेकर मौके पर पहुंचे और कमलेश सिंह पर ताबडतोड़ फायरिंग कर उन्हें मार डाला।

तकरीबन दो दशक बाद फिर से हिंसा से खागी मुंडेर और आस-पास के इलाके तनाव है। गांव में भारी पुलिस बल तैनात है। राधेकृष्ण सिंह के घर विभिन्न राजनीतिक दलों के लोगों का आना-जाना लगा है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरपीएन सिंह भी सोमवार को राधेकृष्ण सिंह के घर पहुंचे। सुखदेव पासवान के घर ताला बंद है और पुलिस वहां ड्यूटी कर रही है।

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