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माले नेता गोरखपुर जेल में बंद दलित बुद्धिजीवियों और नेताओं से मिले

गोरखपुर। ” मंडल आयुक्त कार्यालय पर 10 अक्टूबर को दलित, भूमिहीनों के लिए वास, आवास एवं जीविका के लिए जमीन मांगने गए दलित बुद्धिजीवियों, नेताओं को जेल भेजना लोकतान्त्रिक अधिकार और अभिव्यक्ति कि आजादी के अधिकार का उल्लंघन है। गोरखपुर जिला प्रशासन दलितों गरीबों को सबक सिखाने की रणनीति के तहत कार्य कर रहा है। इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए और गिरफ्तार बुद्धिजीवियों एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं को बिना शर्त रिहा करने, सभी ज्ञात- अज्ञात लोगों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने और जमीन देने की मांग पूरी करनी चाहिए। “

उक्त मांग भाकपा माले जिला सचिव राजेश साहनी एवं किसान नेता महेश सिंह ,शिवानंद गोरखपुरी ने गोरखपुर कारागार में गिरफ्तार पूर्व आईजी एस.आर.दारापूरी , अंबेडकर जन मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रवण कुमार निराला एवं ऋषि कपूर से मिलने के बाद एक प्रेस विज्ञप्ति में कही।

श्री साहनी ने कहा कि अंबेडकर जन मोर्चा के मुख्य संयोजक एवं इस कार्यक्रम के संयोजक श्रवण कुमार निराला ने बताया कि कार्यक्रम की अनुमति के लिए उन्होंने लिखित आवेदन जिला प्रशासन को डाक से भेजा था और संबंधित अधिकारियों से मिलकर कार्यक्रम की अनुमति मांगी थी लेकिन जिला प्रशासन ने ना तो अनुमति दिया और न अनुमति आवेदन पत्र को खारिज किया। राजेश साहनी ने कहा कि प्रदेश सरकार की तानाशाही नजरिया के अनुरूप जिला प्रशासन ने दलित बुद्धिजीवियों सहित निर्दोष लोगों को जेल भेज दिया है और कई अन्य लोगों की धर पकड़ कर रहा है। पूरे मामले को सनसनीखेज बनाकर भय और दहशत कायम किया जा रहा है और उसके लिए फर्जी तथ्य गढ़ा जा रहा है। इस पर रोक लगनी चाहिए।

राजेश साहनी ने कहा कि वाम जनवादी एवं दलित संगठन दमन की कार्यवाही के खिलाफ एक साथ हैं और जल्द ही जिला प्रशासन से मिलकर न्याय करने की मांग करेंगे ।

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