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अपर पुलिस महानिदेशक से मिलकर गिरफ्तार दलित बुद्धिजीवियों की रिहाई की मांग की

गोरखपुर। भाकपा-माले जिला सचिव राजेश साहनी, प्रगतिशील अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सुभाष पाल, भाकपा के राममूर्ति, पूर्वाञ्चल सेना के धीरेन्द्र प्रताप  के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने 16 अक्टूबर को अपर पुलिस महानिदेशक के स्टाफ अफसर को ज्ञापन देकर गिरफ्तार दलित बुद्धिजीवियों व कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस वापस लेकर उन्हें रिहा करने कि मांग की।

ज्ञापन में कहा गया है कि 10 अक्टूबर को मंडल आयुक्त कार्यालय गोरखपुर के समक्ष अंबेडकर जन मोर्चा के बैनर तले गोरखपुर के ग्रामीण जमीन की मांग के लिए धरना पर बैठे थे। इसकी सूचना आयोजकों द्वारा लिखित रूप में दी गई थी।समाचार पत्रों एवं पर्चा के माध्यम से भी प्रचार किया गया था। ग्रामीणों का धरना शांतिपूर्वक चला और रात्रि 10 बजे जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर स्वयं धरना स्थल पर पहुंचकर ज्ञापन लिए और मांग को शासन तक पहुंचाने का आश्वासन भी दिए ।

इसके बाद धरना समाप्त हो गया और लोग जाने लगे तभी अचानक पुलिस ने धरना को संबोधित करने आए दलित बुद्धिजीवी कुछ युवाओं एवं महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया। धरने के मुख्य आयोजक को घर लौटते समय रास्ते में गिरफ्तार कर लिया। दलित चिंतक पूर्व आईजी एस आर दारपुरी को 11 अक्टूबर कि सुबह होटल से गिरफ्तार किया गया और सभी पर बिजली चोरी, जानलेवा हमला, 7 ला क्रिमिनल अमेंडमेंट जैसे गंभीर धाराओं में जेल भेज दिया। दर्ज प्राथमिक की के आधार पर ग्रामीणों के घर पर छापामारी कर दहशत फैलाई जा रही है।

ज्ञापन में कहा गया है कि जिला प्रशासन की कार्यवाही जिले में आम लोगों में भय एवं दहशत फैला रही है और मामले को निर्मूल और फर्जी तथ्यों के आधार पर सनसनीखेज बनाकर तनाव पैदा कर रही है। इस पर तत्काल रोक लगाई जाए। पूर्व आईजी 80 वर्षीय एस आर दारापुरी, डॉ .रामू सिद्धार्थ, अंबेडकर जन मोर्चा के संयोजक श्रवण कुमार निराला सहित अन्य बुद्धिजीवी सजग एवं प्रबुद्ध नागरिक हैं और संविधान में प्रदत्त अधिकार के तहत जायज मांग के समर्थन में आए थे। इन पर फर्जी आरोप लगाकर जेल भेजना न्याय का गला घोटना है। सभी को तत्काल रिहा किया जाए।
धरना देने व जायज मांग करने पर दर्ज सभी मुकदमे वापस लिया जाय, ग्रामीणों की मांग के अनुसार पात्र गरीबों को एक  जमीन दी जाय, विदेशी नागरिक की उपस्थिति दिखाकर संविधान सम्मत जायज मांग करने की कार्यवाही को दमन की मंशा से दूसरी दिशा दिए जाने पर तत्काल रोक लगाया जाए।

प्रतिनिधिमंडल में भाकपा-माले जिला सचिव राजेश साहनी, प्रगतिशील अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष सुभाष पाल, भाकपा के राममूर्ति, पुर्वांचल सेना के धीरेन्द्र प्रताप सिंह, सुरेन्द्र कुमार, राजेंद्र कुमार, अधिवक्ता विनोद यादव, अधिवक्ता विजय कुमार, अधिवक्ता अनिल कुमार मिश्रा, ऐपवा जिलाध्यक्ष मनोरमा चौहान आदि मौजूद रहे।

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