बहराइच। कतर्नियाघाट रेंज में चैन लिंक तार फेंसिंग लगाकर वनाश्रित लोगों के सामुदायिक अधिकार को प्रभावित करने के खिलाफ ग्राम चहलवा की महिलाओं ने 12 दिसंबर को फारेस्ट चौकी घेर कर प्रदर्शन किया। वन रक्षक अब्दुल सलाम ने समझाने का प्रयास किया किन्तु प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने घेराबंदी जारी रखा।
महिलाओं का कहना था कि जंगल से जलौनी तथा जड़ी बूटी लाना उनके परंपरागत अधिकार रहा है जिसमें किसी भी प्रकार की बाधा उन्हें मंजूर नहीं है। वन अधिकार आंदोलन के कार्यकर्ता राकेश कुमार ने बताया कि मंगलवार की सुबह सिर्सियन पुरवा कुरकुरी कुआं तथा बेलहन पुरवा की महिलाओं ने एकजुट होकर गिरजापुरी कैलाशपुरी मार्ग पर कुरकुरी कुमार के सामने लगने वाली तार फेंसिंग का विरोध किया और कहा कि अगर यह लोगों को जंगल जाने से रोकने के लिए कर फेंसिंग लगाई जा रही है तो इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा । लोगों को अपने मवेशी चराने ,जलौनी लकड़ी लाने तथा जड़ी- बूटी निकालने का शुरू से अधिकार रहा है। इसे बाधित करना राष्ट्रीय वन नीति का भी उल्लंघन है।
इस मामले की सूचना मिलने पर सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने रेंजर अनूप कुमार से मुलाकात और वार्ता की। लम्बी बहस के बाद कुरकुरी कुआं के सामने तार फेंसिंग में रास्ता दिए जाने पर सहमति बनी तब जाकर मामला शांत हुआ।