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वनटांगिया गांवों में पूरी आवंटित भूमि और खट्टी में अधिकार पत्र देने की मांग, कमिश्नर को ज्ञापन दिया

गोरखपुर। वनटांगिया विकास समिति के सदस्यों ने आज आयुक्त कार्यालय को ज्ञापन देकर महराजगंज जिले के वनटांगिया गांवों में आवंटित भूमि को दिलाने और निचलौल तहसील के खट्टी के वनटांगियों की बेदखली की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए उन्हें वन अधिकार कानून के तहत सभी अधिकार देने की मांग की है।

वनटांगिया विकास समिति के मंडल अध्यक्ष जयराम प्रसाद, वरिष्ठ सदस्य सुभाष चन्द्र निषाद, शिवनाथ, बीरबल, बाबूलाल, अमरनाथ ने आज आयुक्त कार्यालय को दो ज्ञापन दिए।

पहले ज्ञापन में कहा गया है कि महराजगंज के 18 वनटांगिया गांव दो वन प्रमंडल में आते हैं। उत्तरी वन प्रमंडल में 12 और दक्षिणी वन प्रमंडल में छह गांव आते हैं। सभी 18 गांवों में 3796 परिवारों को वन अधिकार कानून के तहत भूमि के पटृटे दिए गए हैं। सामुदायिक अधिकार के तहत सभी गांवों में सड़क, स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र आदि के लिए भूमि आरक्षित है लेकिन कई गांवों में वनविभाग व्यक्तिगत व सामुदायिक दावों के अनुरूप भूमि देने में आनाकानी कर रहा है। महराजगंज सदर तहसील अन्तर्गत चन्दन चाफी बरहवा गांव में वनटांगियों को 218.866 हेक्टेयर भूमि आरक्षित है लेकिन मौके पर वनटांगियों को कम जमीन मिली है। वन विभाग परिसीमन कर पूरी जमीन अलग नही ंकर रहा है। ज्ञापन में आयुक्त से कार्यवाही की मांग की गई है।

दूसरे ज्ञापन में कहा गया है कि निचलौल तहसील के खट्ट बस्ती के वनटांगियों से वनविभाग ने वनीकरण का कार्य कराया था और उन्हें जमीन के पटृटे भी दिए। ये वनटांगिया जिस स्थान पर रह रहे हैं उस गांव को बगहा उर्फ अहिरौली टोला आजाद नगर ककहा जाता है। यहां पर आवास, सड़क सहित कई विकास कार्य भी किए गए हैं। यहां रह रहे वनटांगिया परिवार वन अधिकार कानून के तहत अपने दावे नही ंकर पाए थे। अब उन्हें वन विभाग बेदखल करने की बात कह रहा है जबकि उन्हेें वन अधिकार कानून के तहत सभी अधिकार मिलने चाहिए।

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