लोकसभा चुनाव 2024

सुभाष चंद्र श्रीवास्तव, सुबोध यादव, इलियास अंसारी और परवेज अली सपा में शामिल

लखनऊ। पूर्वाञ्चल के कई नेता आज लखनऊ में सपा में शामिल हो गए। इनमें जनता दल यूनाइटेड के नेता एवं देवरिया के पूर्व विधायक  सुभाष चंद्र श्रीवास्तव, संत कबीर नगर के पूर्व सांसद रहे भालचंद्र यादव के पुत्र सुबोध यादव, बीएसपी से फाजिलनगर से विधानसभा का चुनाव लड़े इलियास अंसारी, पूर्व मंत्री शाकिर अली के पुत्र परवेज अली के नाम प्रमुख हैं। इनके साथ औरैया जनपद के पूर्व विधायक मदन गौतम, हरदोई के बसपा नेता एवं पूर्व विधानसभा प्रत्याशी तिलक चंद्र वर्मा, राष्ट्रीय लोक दल के वरिष्ठ नेता लतेष बिधूड़ी, भाजपा नेता एवं वीरांगना अवंती बाई लोधी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर सीताराम राजपूत, कमलेश कुमार गौतम, पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीतमल सहित कई नेता आज लखनऊ में सपा के प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए।

आज सपा में शामिल हुए जद यू नेता सुभाष चंद्र श्रीवास्तव 1996 में जनता दल से चुनाव लड़ देवरिया के विधायक बने थे। पूर्व सांसद भालचंद्र यादव के बेटे सुबोध यादव 2002 के विधान सभा चुनाव में खलीलाबाद से सपा का टिकट चाहते थे। टिकट नहीं मिलने पर बगावत कर आम आदमी पार्टी से चुनाव लड़ गए। उन्हें अच्छा समर्थन मिला। उन्हें  25247 वोट मिले। इलियास अंसारी कुशीनगर जिले के बड़े नेता हैं। वे सपा के जिलाध्यक्ष भी रहे। पिछले विधानसभा चुनाव में फाजिलनगर से स्वामी प्रसाद मौर्य को सपा प्रत्याशी बनाए जाने पर उन्होंने पार्टी छोड़ दी और बसपा के टिकट से चुनाव लड़ गए। उन्हें 28237 वोट मिले। आज सपा में शामिल होने पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने टिप्पणी की कि श्री अंसारी तीन महीने के लिए छुट्टी पर गए थे।

पूर्व मंत्री शाकिर अली के बेटे परवेज अली देवरिया जिले के पथरदेवा विधानसभा से बसपा प्रत्याशी  के बतौर  2022 का चुनाव लड़े थे। उन्हें 33667 वोट मिले थे और तीसरे स्थान पर रहे।

इस मौके पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी और पीडीए परिवार लगातार बढ़ रहा है। इन सभी नेताओं और उनके समर्थकों के आने से समाजवादी आंदोलन को मजबूती मिलेगी।

उन्होंने कहा कि लोकसभा का चुनाव संविधान, लोकतंत्र, आरक्षण और सम्मान बढ़ाने का चुनाव है। यह संविधान मंथन का समय है।  एक तरफ संविधान बचाने वाले समाजवादी पार्टी और उसके सहयोगी लोग हैं तो दूसरी तरफ संविधान को खत्म करने वाली भाजपा है। भाजपा पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों का हक और अधिकार छीन रही है। विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति में भाजपा सरकार ने पीडीए को कहां रखा है? किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों को नौकरी और रोजगार नहीं मिला।

श्री अखिलेश यादव ने भाजपा हटाओ नौकरी पाओ का नारा देते हुए कहा कि भाजपा सत्ता से हटेगी तभी नौजवानों को नौकरी और रोजगार मिलेगा। श्री यादव ने कहा कि भाजपा की 10 साल की सरकार में देश में एक लाख से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं। भाजपा सरकार में किसी को न्याय नहीं मिल रहा है। किसान एमएसपी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहा है, भाजपा सरकार उसे नहीं मान रही है। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार आएगी तो किसानों को एमएसपी का कानूनी अधिकार दिया जाएगा।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार में अन्याय और भ्रष्टाचार चरम पर है। इतना भ्रष्टाचार कभी नहीं हुआ जितना बीजेपी सरकार में हो रहा है। सड़कों को गड्ढामुक्त करने के नाम पर 40 हजार करोड़ का बजट खर्च हो गया, लेकिन सड़कों के गड्ढे नहीं भरे जा सके। प्रदेश में सड़को के निर्माण में भ्रष्टाचार हो रहा है। भाजपा सरकार ने उद्योगपतियों का 15 लाख करोड़ रूपये का कर्ज माफ कर दिया गया। उन्हें फिर कर्ज दिया गया। जिनका कर्ज माफ किया था उन्होंने इलेक्टोरल बांड खरीदा। इसका ब्यौरा अब एसबीआई सुप्रीम कोर्ट को नहीं दे रहा है। भाजपा सरकार ईडी, सीबीआई और आईटी का दुरुपयोग कर रही है। इन संस्थाओं को जानबूझकर लोगों को डराने के लिए भेजा जाता है। भाजपा सरकार में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। प्रदेश की पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार बहुत बढ़ गया है। पिछले सात सालों में पुलिस विभाग की तमाम शिकायतें आयी हैं। पुलिस रक्षा करने के बजाय भक्षक बन गई है। आम जनता और गरीब लोग न्याय के लिए किसके पास जाएं? कानून व्यवस्था पर जीरो टॉलरेंस का दावा जीरो हो चुका है।

लोकसभा चुनाव आचार संहिता को लेकर श्री अखिलेश यादव ने कहा कि हम आचार संहिता तब मानेंगे जब डीजीपी, मुख्य सचिव और बड़े पदो पर बैठे अधिकारियों को हटा दिया जाएगा। पिछली सरकारों में ऐसा होता आया है कि चुनाव के समय बड़े अधिकारियों को हटा दिया जाता था।

इस अवसर पर सर्वश्री इन्द्रजीत सरोज, अरविन्द सिंह गोप, राजेन्द्र चौधरी,नरेश उत्तम पटेल, अम्बिका चौधरी, याशरशाह, आदि प्रमुख नेता उपस्थित रहे।

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