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आरटीआई से शुरू हुआ था देवरिया रेलवे मालगोदाम को अहिल्यापुर में शिफ्ट करने का संघर्ष

देवरिया। देवरिया सदर रेलवे मालगोदाम को दूसरे स्थान पर शिफ्ट कर लोगों को जाम एवं प्रदूषण से मुक्त कराने का अभियान चला रहे सामाजिक संगठन कानून पीड़ित न्याय मंच को बड़ी सफलता मिली है। रेलवे बोर्ड ने मालगोदाम अहिल्यापुर शिफ्ट करने की स्वीकृति दे दी है ।

कानून पीड़ित न्याय मंच ने मालगोदाम को शिफ्ट करने के लिए हजारों लोगो के हस्ताक्षर सहित याचिका नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ( एनजीटी ) और  रेलवे बोर्ड को दिया था।  नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष सुनवाई के दौरान मंडल रेल अधीक्षक वाराणसी ने बताया कि देवरिया सदर स्थित रेलवे मालगोदाम अब देवरिया से 6 किलोमीटर दूर अहिल्यापुर शिफ्ट होगा। रेलवे बोर्ड द्वारा इसकी स्वीकृति दे दी गयी है। इससे नागरिकों को जाम और प्रदूषण की समस्या से मुक्ति मिलेगी। अहिल्यापुर में विश्वस्तरीय मालगोदाम का निर्माण होगा, जिसका मास्टर प्लान अनुमोदित हो चुका है।

मोलगोदाम को शिफ्ट करने की लड़ाई सूचना अधिकार आवेदन से मिली जानकारी से शुरू हुई थी। मालगोदाम के बारे में समाचार पत्रों में छपी खबरों की वास्तविकता जानने के लिए कानून पीड़ित न्याय मंच के अविनाश सिंह ने 22 मई 2021 को पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मण्डल के केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी से जानकारी मांगी कि मालगोदाम को अहिल्यापुर शिफ्ट करने की क्या योजना है ?  इया आवेदन पर रेलवे ने बताया कि मालगोदाम को अहिल्यापुर में शिफ्ट करने की कोई योजना नहीं है। पूर्व में एक बार योजना बनी थी लेकिन प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड ने स्वीकृत नहीं किया। वर्तमान में मालगोदाम को शिफ्ट करने की योजना नहीं है और इस बारे में कोई मांग नहीं की गई है।

आरटीआई से मिली सूचना के बाद कानून पीड़ित न्याय मंच ने मालगोदाम को शिफ्ट करने के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया। करीब तीन वर्ष तक के संघर्ष के बाद मंच को सफलता मिली।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिलाधिकारी देवरिया द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के अनुसार वायु में प्रदूषण की मात्रा 174 ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर है जो कि निर्धारित पैरामीटर से अत्यधिक है। इसे संज्ञान में लेते हुए एनजीटी ने स्टेशन अधीक्षक देवरिया को 12500/-प्रतिदिन के हिसाब से 48 दिन के लिए 600000/-रू0 जुर्माना हेतु कारण बताओ नोटिस जारी किया था। रेलवे द्वारा एन.जी.टी. को सूचित किया गया कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 217 वृक्ष लगाये जा रहे है ।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रेलवे को प्रदूषण नियंत्रण के बावत रेलवे बोर्ड से मासिक रिपोर्ट प्रत्येक माह प्रेषित करने को आदेशित किया है ।

कानून पीड़ित न्याय मंच के फाउंडर शमीम इकबाल एवं सचिव एडवोकेट अविनाश कुमार सिंह ने कहा है कि देवरिया सदर रेलवे मालगोदाम से होने वाला जाम एवं प्रदूषण नागरिको के संवैधानिक अधिकार अनुच्छेद 21 का उलंघन था। मालगोदाम को शिफ्ट करने को स्वीकृति प्रदान कर एनजीटी और  रेलवे बोर्ड ने में लोक कल्याण का कार्य किया है ।

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