वाराणसी। साखी पत्रिका द्वारा दिया जाने वाला केदारनाथ सिंह कविता सम्मान-2024 हिन्दी में युवा चर्चित अनुज लुगुन तथा बांग्ला में शीर्षा को दिया जायेगा।
विगत तीन वर्षों से केदारनाथ सिंह कविता सम्मान हिन्दी तथा एक भारतीय भाषा के कवि को दिया जाता है।
साखी पत्रिका के सम्पादक और केदारनाथ सिंह कविता सम्मान के संयोजक प्रो सदानंद शाही ने यह जानकारी एक विज्ञप्ति में दी।
उन्होंने बताया कि साखी पत्रिका की ओर से एक चयन समिति का गठन श्री ए अरविंदाक्षन की अध्यक्षता में तीन वर्षों के लिए गठित किया गया था जिसमें राजेश जोशी, अरुण कमल, सुश्री अनामिका तथा मराठी के कवि आलोचक चन्द्रकांत पाटिल बतौर निर्णायक मंडल के सदस्य शामिल हैं। सम्मान की घोषणा प्रति वर्ष केदारनाथ नाथ सिंह के जन्मदिन पर की जाती है। अबकी चूँकि भारतीय भाषाओं में से बांग्ला भाषा के युवा कवि को सम्मानित किया जाना था इसलिए प्रो सोमा बंद्योपाध्याय को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया था।
प्रो शाही ने बताया कि निर्णय की घोषणा करते हुए समिति के अध्यक्ष प्रो ए अरविंदाक्षन ने जारी वक्तव्य में कहा कि ‘ केदार नाथ सिंह युवा कविता पुरस्कार के लिए पुरस्कार समिति दो युवा कवियों का चयन करती है। एक हिंदी के और दूसरा भारतीय भाषा के। इस वर्ष हिंदी के युवा कवि श्री अनुज लुगुन को नामित किया गया है और भारतीय भाषा से बांग्ला की सुश्री शीर्षा को नामित किया गया है। पुरस्कार समिति ने सर्वसम्मति से इन दोनों युवा कवियों को सम्मान हेतु चयन किया है। पुरस्कार समिति के अध्यक्ष होने के नाते मुझे यह घोषणा करते हुए हर्ष का अनुभव हो रहा है कि वर्ष 2024 का केदारनाथ सिंह युवा कविता पुरस्कार हिंदी से अनुज लुगुन को उनके काव्य संग्रह ‘ अघोषित उलगुलान ‘ (2023) तथा बांग्ला से सुश्री शीर्षा को उनके कविता संग्रह ‘ एकटी कालो किंवा सादा बेडालेर कविता गुच्छो ‘ (2023) के लिए दिया जायेगा। केदारनाथ सिंह के नाम पर दिए वाले इस महत्वपूर्ण पुरस्कार प्राप्ति के लिए दोनों युवा कवियों को समिति हार्दिक शुभकामनाएँ देती है’।
प्रो शाही ने बताया कि अनुज लुगुन प्रतिरोध की चेतना के विरल कवि हैं और उनका जीवन राग केदारनाथ सिंह की परम्परा का उज्ज्वल विकास है, वहीं शीर्षा की कविताएँ जीवनानन्द की परम्परा का अधुनातन विस्तार करती हैं और केदारनाथ सिंह की तरह शब्दों की मितव्ययिता का उदाहरण हैं।
केदारनाथ सिंह के जन्मदिन पर सम्मान की घोषणा करते प्रो. शाही ने बताया कि फ़रवरी 2025 में बनारस में आयोजित सम्मान समारोह में दोनों कवियों को पच्चीस हज़ार रुपये तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया जायेगा।