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गोरखपुर मंडल की सात चीनी मिलों पर 262 करोड़ बकाया, भुगतान में पिपराइच, सेवरही और प्रतापपुर फिसड्डी

गोरखपुर। गोरखपुर मंडल के चार जनपदों-गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया और कुशीनगर की सात चीनी मिलों पर इस वर्ष का 26214.40 लाख गन्ना मुल्य बकाया है। इन सात चीनी मिलों में सबसे अधिक बकाया गोरखपुर की पिपराइच, देवरिया की प्रतापपुर और कुशीनगर की सेवरही चीनी मिल पर है। इन तीनों चीनी मिल पर ही 21621.1 लाख रुपये बकाया है।

उत्तर प्रदेश में 119 चीनी मिलों ने गन्ना सत्र 2022-23 में 1076.23 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई करते हुए 103.49 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है। इन चीनी मिलों पर कुल गन्ना मूल्य 27357.30 लाख रूपये हुआ जिसमें से 75.38 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया जा चुका है।

गोरखपुर मंडल के चार जनपदों में इस सत्र में सिर्फ सात चीनी मिलों ने ही पेराई की। गोरखपुर (पिपराइच), महराजगंज (सिसवा) और देवरिया (प्रतापपुर) में एक-एक चीनी मिल चली। कुशीनगर में चार चीनी मिलों-रामकोला पी, सेवरही, खड्डा और न्यू सुगर मिल ढाढा ने पेराई की। इन सभी चीनी मिलों पर 123641.85 लाख रुपया गन्ना मूल्य हुआ जिसमें से 12 मई तक 97427.45 लाख गन्ना मूल्य भुगतान हुआ है। यह कुल गन्ना मूल्य का 78.80 फीसदी है।
इन चीनी मिलों  पर अभी भी 26214.40 लाख रुपया बकाया है।

कुशीनगर जिले की हाटा चीनी मिल ने 96.05 और रामकोला पंजाब ने 99.55 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किर दिया है। खड्डा चीनी मिल ने भी 81.99 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया है। सेवरही चीनी मिल गन्ना मूल्य भुगतान में काफी पीछे है। इस चीनी मिल ने अभी तक सिर्फ 62.03 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। सेवरही चीनी मिल पर गन्ना किसानों का अभी भी 10392.44 लाख रुपया बकाया है।

महराजगंज जिले की सिसवा चीनी मिल ने 82.43 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया है। इस चीन मिल पर 1718.89 लाख रुपया बकाया है।

देवरिया की प्रतापपुर चीनी मिल ने अभी तक सिर्फ 29.98 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। इस चीनी मिल पर किसानों का 2540.53 लाख रुपया बकाया है।

गोरखपुर की पिपराइच चीनी मिल ने अभी तक सिर्फ 42 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। चीनी मिल पर गन्ना किसानों का 8688.13 लाख रुपया बकाया है।

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