-फार्म भरवाने के लिए प्रशासन का दबाव
सैयद फरहान अहमद
गोरखपुर, 13 सितम्बर। मदरसों की जांच दर जांच हो रही हैं। मदरसा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन का अलग झमेला हैं। इन सबके बीच नुकसान उठा रहे हैं मदरसें में पढ़ने वाले छात्र। जनपद में भारत सरकार द्वारा संचालित प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजाना का बुरा हाल हैं। अभी तक अधिकतर मदरसों में उक्त योजना के तहत ऑनलाइन फार्म नहीं भरा गया हैं।
जबसे सरकार ने आधारकार्ड, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण लगाने की अनिवार्यता की तबसे आनलाइन फार्म भरने की रफ्तार रुक गयीं।आवेदन की अंतिम तिथि 30 सितम्बर हैं। जनपद के अधिकतर मदरसों में छात्रों का आनलाइन फार्म कागजात पूर्ण न होने के कारण नहीं भरा जा सका हैं। सुस्त रफ्तार का नतीजा यह हुआ कि 12 सितंबर को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए प्रमुख सचिव अल्पसंख्यक कल्याण एव वक्फ ने इस पर सख्त नाराजगी जाहिर की। जिसके चलते बुधवार को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय कुमार मिश्र को जनपद के मदरसा प्रधानाचार्यो व प्रबंधकों की बैठक बुलाकर प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना का फार्म भरे जाने का दबाव बनाना पड़ा।
मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया के मीडिया प्रभारी मोहम्मद आजम ने बताया कि भारत सरकार की प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति का बुरा हाल हैं। पिछले तीन सालों से मदरसे के एक भी छात्र की छात्रवृत्ति नही आयीं। वर्ष 2016-17 में 120 छात्रों का लिस्ट में नाम आया लेकिन खाते में छात्रवृत्ति नहीं आयीं। इस समय मदरसे में करीब 400 से अधिक छात्र अध्ययरनत हैं लेकिन अभी तक किसी का फार्म नहीं भरा गया हैं। सरकार ने जब से आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आधारकार्ड अनिवार्य किया हैं तब से फार्म भरना रुक गया हैं। माइनर बच्चों का खाता नहीं खुल रहा हैं। उन्होंने बताया कि मदरसों में ज्यादातर गरीब घरों के बच्चे पढ़ते हैं वह कहां से इतने कागजात लायेंगे और दूसरी बात तीन सालों से छात्रवृत्ति ने आने की वजह से छात्रों के अभिभावकों ने इस छात्रवृत्ति योजना के प्रति रुचि दिखानी बंद कर दी हैं। इसी वजह से अभिभावक तहसील द्वारा आय प्रमाण पत्र वगैरह नहीं बनवा रहे है।
बतातें चले के भारत सरकार द्वारा संचालित उक्त छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा 1-5 तक के छात्रों को 1000 रुपया व कक्षा 6-8 तक 5000 रुपया छात्रवृत्ति मिलती हैं। ऑनलाइन आवेदन करना होता हैं। चयनित होने के बाद छात्रवृत्ति सीधे छात्र के खाते में जाने का प्राविधान हैं।