लखनऊ, 16 फरवरी। कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार के दुसरे बजट को बहुत ही निराशाजनक बताया है. उन्होंने कहा कि बजट में किसी भी वर्ग के लिए कुछ खास नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि बजट में कर्ज में डूबे आलू किसानों और गन्ना किसानों के लिए कुछ भी नहीं है। ऐसी उम्मीद थी कि आलू और गन्ना उत्पादक किसानों के राहत के लिए बजट में कुछ प्रावधान करेगी लेकिन सरकार ने किसानों पर कोई रहम नहीं दिखाया है। खासकर किसानों का बकाया गन्ना मूल्य जो बंद हो चुकी मिलों पर है, उसके भुगतान के लिए कोई भी व्यवस्था इस बजट में नहीं किया गया है। इसी तरह से पष्चिमी उत्तरप्रदेश के किसानों को भी निराशा ही हाथ लगी है। पश्चिमी उत्तरप्रदेश का आलू उत्पादक किसान आज बहुत ही पीडित है, किंतु बजट में कोई भी विषेष प्रावधान नहीं किया गया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और युवाओं के मामले में पूरी तरह से दिशाहीन साबित होता बजट प्रतीत हो रहा है। कालेज जाने वाले युवाओं से भाजपा ने अपने लोक संकल्प पत्र में फ्री लेपटाप और वाई-फाई का वादा किया था, उस बारे में बजट बिल्कुल चर्चा तक नहीं है। भाजपा सरकार का यह बजट गरीबों के शिक्षा का घोर विरोधी है। सर्व षिक्षा अभियान के अंतर्गत इस साल के बजट में गत वर्ष की अपेक्षा रु. 1277.35 करोड़ की कमी की गयी है विगत वर्ष यह बजट रु. 19444.35 करोड़ का था तो अभी इसके लिए रु. 18167 करोड़ का प्रावधान किया गया है। तो माध्यमिक शिक्षा पर रु. 71.93 करोड और उच्चतर शिक्षा अभियान के बजट में रु. 24 करोड़ की कटौती की गयी है। परिषदीय विद्यालयों में गरीब परिवारों के बच्चे पढ़ाई करते हैं और यह सरकार उसके बजट में गतवर्ष की अपेक्षा 6.58 फीसदी की कमी की है। उच्च शिक्षा के बजट में 12.63 फीसदी की कमी की गयी है।
इस बजट में प्रदेश के उन 38 जिलों में जहां जापानी इंसिफेलाइटिस का प्रभाव है, उसके लिए कोई विषेष प्रावधान नहीं झलकता है। इतना ही नहीं गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कालेज के विकास की भी कोई संभावना इस बजट मे नहीं है, जबकि यह मेडिकल कालेज बिहार, नेपाल और आजमगढ़, बस्ती और गोरखपुर मंडल के मरीजों के लिए जीवनदायिनी है।
70 लाख युवाओं को पांच साल में और प्रत्येक साल 14 लाख ननवजवानों को रोजगार देने का वादा करने वाली सरकार का आंकडा मात्र 1.44 लाख युवाओं को रोजगार देने में आकर अटक गया है। वित्त मंत्री ने अपनी प्रस्तुति में इस वर्ष कौषल विकास और रोजगार के अंतर्गत बताया कि 6 लाख नवजवानों ने पंजीयन कराया था, जिसमें 4 लाख नवजवानों प्रषिक्षित हुए और उसमें से 1.44 लाख नवजवानों को रोजगार मिला।
‘सबका साथ-सबका विकास’ का संदेष देते हुए माननीय वित्त मंत्री की बजट प्रस्तुति से गरीब, नवजवान, बेरोजगार, मजूदर, किसान और व्यापारियों को हित बिल्कुल ही नदारद है। संविदा कर्मियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सफाई कर्मचारियों, रोजगार सेवकों तथा अन्य सरकारी कर्मचारियों के लिए भी इस बजट में कुछ नहीं है।