गोरखपुर। गोलघर के गांधी गली में स्थित डाॅ अम्बेडकर छात्रावास के छात्र कोरोना लाॅकडाउन में रोजी-रोटी के संकट से जूझ रहे गरीब व मजदूर परिवारों की मदद के लिए आगे आए हैं। छात्रों ने छात्रावास में कम्यूनिटी किचन की शुरूआत की है और 250 से अधिक परिवारों को शाम का भोजन उपलब्ध करा रहे हैं।
अम्बेडकर छात्रावास में 40 छात्र रहते हैं। लाॅकडाउन होते ही अधिकतर छात्र चले गए लेकिन आठ छात्र-पवन कुमार, सत्येन्द्र भारती, रवीन्द्र गौतम, सुधी रामरावत, अनिल बौद्ध, संजय भारती, विवेक चैधरी, अनुज चैधरी यही फंस गए। बैठे-बैठे इन छात्रों ने गरीब मजदूर परिवारों की मदद की सोची और हास्टल में कम्यूनिटी किचन शुरू करने का निर्णय लिया। पवन कुमार ने अपने गांव से राशन मंगाया और हास्टल में भोजना बनाना शुरू किया।
इन छात्रों को एक सिक्योरिटी गार्ड से पता चला कि रामगढ़ ताल क्षेत्र में सर्किट हाउस के पीछे 200 से अधिक निर्माण मजदूर फंसे हुए हैं और उन्हें भोजन का संकट हो रहा है। छात्रों ने सबसे पहले यहीं पका भोजन पहुंचाने का निर्णय लिया।
छात्रों ने गोरखपुर के एसएसपी डा. सुनील कुमार गुप्ता से मदद मांगी तो उनके सहयोग से वाहन पास बन गया। गोरखपुर विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर गोपाल प्रसाद, इतिहास विभाग के प्रोफेसर चन्द्र भूषण अंकुर आदि ने इन छात्रों को आर्थिक सहयोग दिया। ये छात्र 15 अप्रैल से यूनिवर्सिर्टी के पास एक दर्जन से अधिक लोगों, झारखंडी के पास दो मजदूर परिवारों और रामगढ़ ताल क्षेत्र में 200 से अधिक मजदूरों को रोज शाम का भोजन पहुंचा रहे। ये छात्र सुबह सब्जियां व राशन का इंतजाम करते हैं और दोपहर बाद उसे अपने हाथ से बनाना शुरू करते हैं। इसके बाद पैक कर एक कार के जरिए मजदूरों तक पहुंचाते हैं। किसी दिन छोला चावल तो किसी दिन पूड़ी सब्जी, तहरी, कढ़ी चावल। इन छात्रों का अभियान जारी है।