गोरखपुर। लॉकडाउन के दौरान मकतब में पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई मुश्किल हो रही है। खासतौर पर कुरआन को हिफ्ज करने वाले छात्रों को अपना सबक याद करने और रवानी बनाए रखने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल के बच्चे तो किसी तरह अपनी पढ़ाई कर ले रहे हैं, लेकिन दीनी तालीम हासिल करने वाले बच्चों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अब मकतब को चलाने वाले लोगों ने भी डिजिटल राह अपनाने की पहल शुरू कर दी है। यहां बच्चों को अब ऑनलाइन के साथ ही ऑडियो और सोशल प्लेटफॉर्म के जरिए कुरआन शरीफ की तालीम दी जा रही है। इसकी पहल भी हो चुकी है और इस व्यवस्था को अपनाने वाले मकतबों की ब्रांच और बच्चों की तादाद में लगातार इजाफा हो रहा है। दीनीयात मकतब की करीब नौ ब्रांच में 16 उस्ताद ऑनलाइन तालीम दे रहे हैं।
शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में बने इन मकतबों ने डिजिटल राह अपना ली है। जिसके जरिए उस्ताद बच्चों को पढ़ा रहे हैं। बच्चों का सबक सुन रहे हैं। गलतियां भी सुधार रहे हैं। इतना ही नहीं मकतब में पढ़ने वाले बच्चे, जिनका लॉकडाउन में काफी दिनों से नागा हो रहा था, वह रेग्युलर हो गए हैं और लगातार वह आगे बढ़ रहे हैं।
शहर में दीनीयात मकतब की 58 ब्रांच में करीब नौ ब्रांच इस डिजिटल रास्ते को अपना चुकी है। इसमें करीब 300 से 400 बच्चे तालीम हासिल करने में लगे हुए हैं। जहां ज्यादा बच्चों का ग्रुप एक एप के जरिए शाम में पढ़ाई कर रहा है, तो वहीं ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग, कॉल और वीडियो कॉल के जरिए भी पढ़ाई कराई जा रही है। जो हिफ्ज के छात्र हैं वह वॉट्सएप और मोबाइल के जरिए ही अपना याद किया कुरआन शरीफ का पैरा अपने उस्ताद को सुना रहे हैं, जिससे कि उन्हें उनका सबक याद रहे।
मौलाना सलाउद्दीन ने बताया कि शहर में मौजूद दीनीयात मकतब के 9 ब्रांच में 400 से ज़्यादा बच्चे ऑनलाइन घर बैठे तालीम हासिल कर रहे हैं और मकतब की अन्य ब्रांच को भी इस सिस्टम से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
मोहम्मद मुनीर ने बताया कि आम दिनों में बच्चे मकतब में आकर पढ़ाई कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन में उनकी पढ़ाई छूटी हुई थी। ऐसे बच्चों को ऑनलाइन प्लेटफार्म से जोड़कर उनकी पढ़ाई कराई जा रही है।
जिन मकतबों में ऑनलाइन क्लास चल रही है वे हैं- मस्जिद रसूलपुर चौराहा, मस्जिद रसूलपुर छावनी, दीनीयात मकतब मस्जिद सुल्तान खां, तुर्कमानपुर, मस्जिद अंसार, नौरंगाबाद, दर्सगाह इस्लामी, हुमायूंपुर, मस्जिद अबु बाजार उंचवा, दीनीयात मकतब, मिर्जापुर, दीनीयात मकतब, बनकटीचक और दीनीयात मकतब मस्जिद अबु बकर सिद्दीक, पुराना गोरखपुर.