गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाले जबरिया रिटायर किए गए आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को आज पुलिस ने गोरखपुर नहीं आने दिया। पुलिस ने उन्हें लखनऊ में ही रोक लिया। अमिताभ ठाकुर ने आरोप लगाया कि उनके गोरखपुर दौरे से डरे मुख्यमंत्री के आदेश पर पुलिस ने उन्हें रोकने का कार्य किया है। उन लोगों को भी प्रताड़ित किया जा रहा है, जिन्होंने उनका कार्यक्रम आयोजित किया था।
अमिताभ ठाकुर ने कुछ दिन पहले घोषणा की थी कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। इस घोषणा के बाद उन्होंने शुक्रवार को गोरखपुर जाने की घोषणा की। उनका कार्यक्रम गोरखपुर में पत्रकार वार्ता और कार्यकर्ता गोष्ठी का था। उनका गोरखनाथ मंदिर जाने का भी कार्यक्रम था। रात में गोरखपुर रूकने के बाद वे 22 अगस्त को अयोध्या जाने वाले थे।
अमिताभ ठाकुर ने फेसबुक पोस्ट के जरिए जानकारी दी कि जब वह पत्नी के साथ अपने आवास से गोरखपुर के लिए जाने के लिए निकले तभी सीओ गोमतीनगर ने आकर उन्हें बताया कि वे गोरखपुर नहीं जा सकते क्योंकि उनकी सुरक्षा को खतरा है। तब उन्होंने कहा कि यदि उनकी सुरक्षा को खतरा है तो उनकी सुरक्षा की व्यवस्था की जाए। अमिताभ ठाकुर ने गोरखपुर रोके जाने का कारण पूछते हुए एक लिखित पत्र भी पुलिस को दिया जिसके जवाब में सीओ गोमतीनगर ने लिखित रूप से बताया कि सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह का प्रयास करने वाली युवती ने अपने दिए बयान में उनका नाम भी लिया है। इस कारण उनके प्रति एक वर्ग विशेष में आक्रोश है। महिलाओं में भी आक्रोश है। इसलिए वह सुरक्षा को देखते हुए गोरखपुर और अयोध्या जाने का कार्यक्रम का निरस्त कर दें।
अमिताभ ठाकुर ने एक वीडियो बयान में कहा कि उनकी गोरखपुर यात्रा से मुख्यमंत्री डर गए हैं जिसके कारण उनकी यात्रा पर पाबंदी लगायी गयी। मुख्यमंत्री का डर प्रदेश और गोरखपुर में उनकी चाल, चरित्र व चेहरे की वास्तविक स्थिति को प्रकट करता है। अमिताभ ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि बस्ती और गोरखपुर में उनके कार्यक्रम के आयोजकों से पुलिस पूछताछ कर रही है।
गोरखपुर से चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके विजय कुमार श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें आज हाउस अरेस्ट कर लिया है। श्रीवास्तव ने आज सुबह घोषणा की भी कि वह अमिताभ ठाकुर के कार्यक्रम में जाएंगे।