गोरखपुर. प्रेमचंद साहित्य संस्थान द्वारा दिया जाने वाला देवेंद्र कुमार बंगाली कविता सम्मान इस वर्ष हिंदी कवि अरुण देव को दिया जायगा।
यह जानकारी देते हुए प्रेमचंद साहित्य के निदेशक प्रोफेसर सदानंद शाही ने बताया कि देवेन्द्र कुमार बंगाली की स्मृति में दिया जाने वाले कविता सम्मान के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की गयी थीं। तीन सदस्यीय समिति ने सर्वसम्मति से अरुण देव के नाम की संस्तुति की है। स्वप्निल श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली समिति में प्रो अनिल राय (हिन्दी विभाग गोरखपुर विश्वविद्यालय)तथा सुप्रसिद्ध आलोचक प्रोफेसर रघुवंश मणि,बतौर सदस्य मौजूद थे।
अरुण देव के नाम की संस्तुति करते हुए निर्णायक समिति ने कहा कि ‘कवि अरुण देव हमारे समय की युवा रचनाशीलता के एक महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं । कविता , आलोचना और साहित्य की पत्रकारिता के माध्यम से इन्होंने हिन्दी के समकालीन साहित्य – वातावरण में अपनी एक ज़रूरी उपस्थिति ही नहीं दर्ज़ कराई है , वरन उसे प्रेरित और प्रभावित भी किया है ।
अरुण देव की कविताएं उनके सर्जक व्यक्तित्व को एक ख़ास पहचान देती हैं । अपने समय तथा समाज की बहुस्तरीय संरचना और उसमें विन्यस्त यथार्थ के विविध रूपों की विश्वसनीय प्रतिध्वनियों को सुनने के लिए अरुण देव की कविताओं के पास जाना हमारे लिए बेहद आश्वस्तिकर अनुभव है। इस आश्वस्ति की निर्मिति में विचार , संवेदना और भाषा के समवेत सौन्दर्य की भूमिका हमारे लिए अलक्ष्य नहीं है।
एक स्पष्ट और गहन भावात्मक – वैचारिक परिप्रेक्ष्य और उसकी विशिष्ट रूप – प्रविधि के समीकरण में उपलब्ध अरुण देव की कविता में अपने समकाल का प्रामाणिक आख्यान बन सकने की संभावनाएं तो मौजूद हैं ही , मानवीय राग और सौन्दर्य के अपेक्षाकृत अधिक स्थाई और नैसर्गिक जीवन – तत्वों के कोमल तथा उदात्त अंतर्भाव के कारण ये अपने समय की कविताओं की भारी भीड़ और शोर में अलग से पहचानी भी जा सकती हैं।
वैयक्तिक अनुभूतियों से लेकर व्यापक सामाजिक सचाइयों के बीच की संवेदनशील रचानात्मक अंतर्यात्रा सम्भव करते कवि अरुण देव की काव्यात्मक उपलब्धियां हिन्दी साहित्य – समाज के लिए अत्यंत मूल्यवान और महत्वपूर्ण हैं । इनके दृष्टिगत हम उन्हें देवेन्द्र कुमार स्मृति – सम्मान : 2022 प्रदान करने की संस्तुति कर हर्ष और आह्लाद का अनुभव कर रहे हैं ।’
प्रोफ़ेसर शाही ने बताया कि श्री अरुण देव को यह सम्मान प्रेमचंद जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में दिया जायेगा। सम्मान स्वरूप 11000/रु और मानपत्र तथा उत्तरीय प्रदान किया जायेगा।