लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों की समस्याओं के प्रति दिखाई जा रही उदासीनता के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा ने 2 फरवरी को धरना-प्रदर्शन और चक्का जाम करने का निर्णय लिया है।
यह जानकारी भाकियू असली के प्रवक्ता एवं संयुक्त किसान मोर्चा उ.प्र. के सदस्य प्रबल प्रताप शाही ने दी। उन्होंने बताया कि कई बार किसान संगठनों ने गन्ना किसानों की समस्याओं से संबंधित मांग पत्र सरकार को प्रेषित किया था लेकिन सरकार ने अभी तक उस पर कोई ध्यान नहीं दिया है। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री ने घोषणा की थी कि 27 जनवरी 2023 तक गन्ना का मूल्य सरकार तय घोषित कर देगी लेकिन आज तक गन्ना का मूल्य तय नहीं किया गया। यह गन्ना किसानों के साथ भेदभाव और सरकार की गन्ना उत्पादक किसानों की समस्याओं के प्रति उदासीनता को दर्शाता है। मिलों में गन्ने की पेराई शुरू हुए तीन महीने हो चुके हैं। किसान की पर्ची पर गन्ने की आपूर्ति के बाद मूल्य दर्ज नहीं हो रहा है। किसान गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। इसलिए संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि उत्तर प्रदेश सरकार तुरंत 450 रुपया प्रति कुंतल गन्ने मूल्य घोषित करे, उच्च न्यायालय के निर्णयानुसार पिछले वर्ष के गन्ने के बकाए का भुगतान ब्याज सहित सुनिश्चित करे, इस वर्ष किसानों द्वारा मिलों को दिए गए गन्ने के बकाया का तत्काल भुगतान किया जाय और गन्ने से बनने वाले उप उत्पाद ( By product ) जैसे इथेनॉल, अल्कोहल, बिजली, बगास आदि के मुनाफे में गन्ना किसानों की हिस्सेदारी सुनिश्चित की जाए।