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भाकपा माले ने दलित चिंतक दारापुरी, डॉ रामू सिद्धार्थ, श्रवण निराला की गिरफ्तारी की निंदा की

लखनऊ।  भाकपा (माले) ने दलित चिंतक पूर्व आईजी एस आर दारापुरी, लेखक-पत्रकार डॉ रामू सिद्धार्थ, दलित नेता श्रवण कुमार निराला व अन्य आंदोलनकारियों की गोरखपुर में गिरफ्तारी को अलोकतांत्रिक बताते हुए कड़ी निंदा की है। पार्टी ने सभी की अविलंब बिना शर्त रिहाई और फर्जी मुकदमा हटाने की मांग की है।

भाकपा माले की राज्य इकाई ने गुरुवार को यहां जारी बयान में कहा कि योगी सरकार जन आंदोलनों का दमन कर रही है। वह फर्जी मुकदमे लगाकर गरीबों की आवाज दबाना चाहती है। दस अक्टूबर को गोरखपुर कमिश्नर कार्यालय पर एक स्थानीय संगठन के तत्वावधान में गरीब-भूमिहीन जनता का जमीन की मांग को लेकर धरना देने का कार्यक्रम था। इसे संबोधित करने के लिए दारापुरी व अन्य वक्ता गए थे। कार्यक्रम के बाद वक्ताओं और आंदोलनकारियों के खिलाफ फर्जी आरोप लगाकर गंभीर आपराधिक धाराओं में प्रशासन की ओर से आनन-फानन में मुकदमा दर्ज करा दिया गया। यही नहीं, अगली सुबह तक दारापुरी, अम्बेडकर जन मोर्चा के संयोजक श्रवण कुमार निराला व लेखक-पत्रकार डॉ रामू सिद्धार्थ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

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