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कुलपति के खिलाफ प्रो कमलेश गुप्त का सत्याग्रह जारी, छात्रों, शिक्षकों सहित कई संगठन समर्थन में आए

गोरखपुर। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो राजेश सिंह की प्रशासनिक और वित्तीय अनियमितताओं, अधिनियम, परिनियम, अध्यादेशों, शासनादेशों के उल्लंघन, कुलपति पद में निहित शक्तियों के घोर दुरुपयोग और गैरलोकतांत्रिक कार्यशैली के खिलाफ सत्याग्रह करने पर निलम्बिर किए गए हिंदी विभाग के प्रोफेसर कमलेश कुमार गुप्ता ने बुधवार को भी एक घंटे का सत्याग्रह किया। उनके समर्थन में बड़ी संख्या में शिक्षक, पूर्व शिक्षक, पूर्व छात्र नेता व विभिन्न संगठनों के लोग भी सत्याग्रह में शामिल हुए।

इसके पहले प्रो कमलेश गुप्त ने खुले मैदान में बीए प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया क्योंकि उनको आवंटित शिक्षण कक्ष दीक्षांत समारोह के बाद से बंद है।

प्रो कमलेश कुमार गुप्त ने कुलपति के खिलाफ राज्यपाल से शिकायत की थी। राज्यपाल के विशेष कार्याधिकारी ने प्रो गुप्त को पत्र भेजकर जानकारी दी कि कुलपति के खिलाफ की गई उनकी शिकायत की जांच कुलपति को ही दी गई। इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए प्रो गुप्त ने 21 दिसम्बर से सत्याग्रह की घोषणा की थी।

अपनी घोषणा के मुताबिक प्रो गुप्त ने प्रशासनिक भवन परिसर में स्थित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के समक्ष करीब चार घंटे तक सत्याग्रह के तहत बैठे रहे। उनके समर्थन में विश्वविद्यालय के सात प्रोफेसर-प्रो चन्द्रभूषण अुकुर, प्रो उमेश नाथ तिवारी, प्रो अजेय कुमार गुप्ता, प्रो सुधीर कुमार श्रीवास्तव प्रो वीएस वर्मा, प्रो विजय कुमार और प्रो अरविंद कुमार त्रिपाठी भी धरने पर बैठे। मंगलवार की शाम को कुलपति के आदेश पर प्रो कमलेश गुप्त को निलम्बित करने और उनके उपर लगे आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने की घोषणा की गई। प्रो गुप्त के समर्थन में धरना देने वाले सातों प्रोफेसरों को भी कारण बताओ नोटिस जारी करने की सूचना मीडिया में जारी की गई लेकिन अभी तक किसी भी प्रोफेसर को नोटिस नहीं मिली है।

बुधवार को प्रो कमलेश गुप्त ने सुबह 10 से 11 बजे तक बीए प्रथम वर्ष के छात्रों की क्लास क्रीडांगन में बने हेलीपैड पर ली। प्रो गुप्त को दीक्षा भवन में पढ़ाई के लिए शिक्षण कक्ष आवंटित किया गया है लेकिन दीक्षांत समारोह के बाद ही उस शिक्षण कक्ष में सामान रख कर बंद कर दिया गया है। इस कारण प्रो गुप्त ने खुले मैदान में छात्र-छात्राओं को पढ़ाया।

दोपहर दो बजे वे प्रशासिनक भवन स्थित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के समक्ष सत्याग्रह पर बैठे। उनके समर्थन में शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष प्रो चितरंजन मिश्र, प्रो उमेश नाथ त्रिपाठी, इतिहास विभाग के प्रोफेसर चन्द्रभूषण अंकुर, वाणिज्य विभाग के प्रो अजेय गुप्त, पूर्व छात्र नेता जितेन्द्र राय, छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक चौधरी, ओम नारायण पांडेय, संजय यादव, अमर सिंह पासवान, छात्र संघ के अध्यक्ष अमन यादव, छात्र नेता पवन सिंह, शिवशंकर गौड़, भाष्कर चौधरी सहित बड़ी संख्या में छात्र, शिक्षक भी सत्याग्रह में शामिल हुए। विभिन्न संगठनों के लोग प्रो गुप्त के सत्याग्रह को समर्थन देने पहुुंचे।

गुआक्टा, माध्यमिक शिक्षक संघ ठकुराई, उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम प्रताप राम, भगत सिंह अम्बेडकर विचार मंच के मनोज मिश्र आदि ने भी प्रो कमलेश गुप्त के सत्याग्रह का समर्थन किया।

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