Tag : नीलाभ

विचार

ज़िन्दगी के ग़म ही क्या कम थे नीलाभ कि तुम्हें ग़म-ए-इश्क़ से भी मारा जाये….

पंकज मिश्र सब जाम बकफ बैठे ही रहे हम पी भी गए छलका भी गए .. दस्तूर है पुराना , असमय भी चले जाना |...