Tag : पूँजीवादी समाज के प्रति’

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‘ तू है मरण, तू है रिक्त, तू है व्यर्थ, तेरा ध्वंस केवल एक तेरा अर्थ ‘

जन संस्कृति मंच के 15वें राष्ट्रीय सम्मेलन के पहले दिन (29 जुलाई) को खुले सत्र में ‘हिरावल’ ने मुक्तिबोध की कविता ‘पूँजीवादी समाज के प्रति’...