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मोदी -योगी सरकार में मदरसा शिक्षकों को नहीं मिल रहा वेतन-मानदेय

मोदी सरकार ने ढाई वर्ष से मदरसा शिक्षकों को मानदेय नहीं दिया

यूपी में अनुदानित मदरसों के शिक्षकों को तीन माह से वेतन नहीं मिला

गोरखपुर, 17 मई। मदरसा में आधुनिक शिक्षा की वकालत करने वाली मोदी  व योगी सरकार के कथनी और करनी में काफी अंतर हैं। दोनों सरकारें मदरसों में आधुनिकीकरण शिक्षा को बढ़ावा देने के बात करती हैं लेकिन मदरसा शिक्षकों का मानदेय व वेतन नहीं दे रही हैं। केंद्र सरकार द्वारा संचालित मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत कार्यरत शिक्षकों का कहीं चार तो कहीं-कहीं ढ़ाई वर्ष से मानदेय रुका हुआ हैं। केंद्र सरकार आज तक माहवार मानदेय देने की व्यवस्था नहीं कर सकी है। राज्य सरकार ने भी प्रदेश में अनुदानित मदरसों में काम करने वाले शिक्षक व कर्मचारियों का तीन माह का वेतन रोका हुआ है।

अखिल भारतीय मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक संघ के मंडल अध्यक्ष नवेद आलम ने बताया कि गोरखपुर में 130 मदरसे केंद्र सरकार द्वारा संचालित मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत आच्छादित हैं। इसमें 390 शिक्षक कार्यरत हैं। इन शिक्षकों को केंद्र सरकार माहवार वेतन नहीं दे पा रही हैं और इसी वजह से शिक्षकों का करीब चार और ढ़ाई साल का मानदेय रुका हुआ हैं। इन्हीं शिक्षकों पर मदरसों में हिन्दी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, अंग्रेजी पढ़ाने का दारोमदार हैं। यह शिक्षक योगी दरबार में भी गुहार लगा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। रोजी-रोटी, चिकित्सा समेत तमाम दुश्वारियों से दो चार होना पड़ रहा हैं।

राज्य सरकार ने अनुदानित मदरसों का तीन माह का वेतन रोका हुआ हैं। गोरखपुर में दस अनुदानित मदरसे हैं जिसमें करीब 150 शिक्षक व कर्मचारी कार्यरत हैं। वेतन नहीं मिलने से मदरसा शिक्षकों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है। राज्य सरकार वेतन रोक अनुदानित मदरसों की जांच करा रही हैं। मदरसा शिक्षक जांच से परेशान नहीं हैं बल्कि वेतन रोके जाने से आक्रोशित हैं।

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