डेंगू से जान बचाने में मददगार बनेंगे फार्मासिस्ट और एलटी, शहरी क्षेत्र के 40 स्वास्थ्यकर्मी प्रशिक्षित

गोरखपुर. शहरी क्षेत्र के डेंगू मरीजों के लिए यह बीमारी खतरनाक रूप अख्तियार न कर सके, इसके लिए फर्मासिस्ट और लैब टेक्निशियन भी मदद करेंगे। शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात 40 स्वास्थ्यकर्मियों को सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी की अध्यक्षता में शनिवार को प्रशिक्षित किया गया। इससे पहले एडी हेल्थ डॉ. जेएम त्रिपाठी की अध्यक्षता में भी 50 निजी क्षेत्र के फार्माशिस्ट भी प्रशिक्षित किये जा चुके हैं।

सीएमओ ने बताया कि डेंगू भयानक रूप न ले सके, इसके लिए आवश्यक है कि इसके लक्षण दिखते ही चिकित्सक से सम्पर्क किया जाए। अमूमन लोग डेंगू के कारण होने वाले सिरदर्द को रोकने के लिए एस्प्रीन या एबुब्रेफेन जैसी दवाइयों का सेवन मेडिकल स्टोर से लेकर करने लगते हैं जो कि डेंगू मरीजों के लिए घातक हैं। पहले से प्रशिक्षित निजी क्षेत्र के फार्मासिस्ट ऐसे लोगों को प्रेरित करेंगे कि चिकित्सक के परामर्श पर ही दवा लें। सरकारी क्षेत्र के फार्मासिस्ट और एलटी को मानकों के बारे में प्रशिक्षण के माध्यम से दक्ष किया गया है।

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्यकर्मियों को स्वयंसेवी संगठन विश तथा जीएसके की मदद से प्रशिक्षित किया गया है। मानसून में डेंगू का हमला हो इससे पहले ही निजी चिकित्सकों, सरकारी चिकित्सकों, आशा, एएनएम समेत सभी स्वास्थ्यकर्मियों को शहरी क्षेत्र में प्रशिक्षित करवाया जा रहा है ताकि बीमारी का प्रसार रोकने में आसानी हो। इस अवसर पर एसीएमओ डॉ. आईवी विश्वकर्मा, शहरी स्वास्थ्य योजना के समन्वयक सुरेश सिंह चौहान, जेई-एईस कंसल्टेंट सिद्धेश्वरी सिंह, संस्था के मैनेजर प्रोग्राम अंजुम गुलरेज, वेद प्रकाश दूबे प्रमुख तौर से मौजूद रहे।

2016 में सबसे अधिक मामले

सबसे अधिक डेंगू के मामले वर्ष 2016 में सामने आए थे। सीएमओ ने बताया कि उस साल संदिग्ध डेंगू के कुल 1105 केस रिपोर्ट हुए थे जिनमें से 168 में डेंगू पुष्ट हुआ था। वर्ष 2017 में डेंगू के 11 मामले जबकि 2018 में 25 मामले पुष्ट हुए थे।

ये लक्षण दिखे तो हो सकता है डेंगू

· त्वचा पर चकत्ते

· तेज सिर दर्द

· पीठ दर्द

· आंखों में दर्द

· तेज़ बुखार

· मसूड़ों से खून बहना

· नाक से खून बहना

· जोड़ों में दर्द

· उल्टी

· डायरिया

यह भी जानिए

डेंगू मादा एडिज मच्छर के काटने से होता है। इस मच्छर के काटने के 5 से 6 दिन बाद डेंगू के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। डेंगू के सबसे खतरनाक लक्षणों में हड्डियों का दर्द शामिल है। इसी वजह से डेंगू बुखार को ‘हड्डीतोड़ बुखार’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इससे पीड़ितों को इतना अधिक दर्द होता है कि जैसे उनकी हड्डियां टूट गई हों।