शहरी क्षेत्र में सोशल डिस्टेंशिंग के साथ बंटने लगा पुष्टाहार

गोरखपुर. शहरी क्षेत्र में भी सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करते हुए पुष्टाहार का वितरण शुरू हो चुका है। शासन से गर्भवती, धात्री और बच्चों के लिए यह पुष्टाहार भेजा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से ही पुष्टाहार वितरण शुरू हो चुका था।

शासन की मंशा के अनुसार जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन का निर्देश है कि पुष्टाहार वितरण कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए जिसके क्रम में जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह द्वारा जनप्रतिनिधियों को व्यक्तिगत रूप से वितरण की जानकारी पत्र के माध्यम से दी गयी थी।

नगर विधायक डॉ. राधामोहन दास अग्रवाल की मौजूदगी में शहर में पुष्टाहार बांटा जा रहा है। विधायक ने सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करवाते हुए शिवपुर सहबाजगंज इलाके में गुरूवार को पुष्टाहार का वितरण करवाया। बाकी वार्डों में पार्षदगण की देखरेख वितरण कार्य हो रहा है।

बाल विकास परियोजना अधिकारी (शहरी) प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि शहर में 6 माह से 3 साल के 15278, 03 से 06 साल के 11924 बच्चे और 6344 गर्भवती व धात्री महिलाएं पंजीकृत हैं। इन सभी को पुष्टाहार वितरित किया जाना है। पुष्टाहार वितरण कार्यक्रम का शैड्यूल नगर विधायक को दिया जा चुका है। वितरण कार्यक्रम में वह स्वयं उपस्थित हुए हैं और आवश्यक सावधानियों के साथ पुष्टाहार दिया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रागिनी जायसवाल, सहायिका सुशीला, कार्यकर्ता कंचन, शीला और सीमा के सहयोग से शिवपुर सहबाजगंज में 40 और जंगल सालीग्राम में 74 लाभार्थियों को गुरूवार को पुष्टाहार दिया गया। इससे पहले बुधवार को मुख्य सेविका अनिता की मदद से नगर विधायक ने 53 लाभार्थियों को पुष्टाहार दिया। शेष पुष्टाहार का वितरण डोर टू डोर किया जाएगा।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि सरकार की मंशा है कि बच्चों, गंर्भवती व धात्री में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो। इसमें पुष्टाहार का विशेष महत्व है लिहाजा शासनादेश के अनुसार सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए पूरे जिले में पुष्टाहार वितरण सुनिश्चत कराया जा रहा है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने यह भी बताया कि विभाग के निदेशक शुत्रुघ्न सिंह ने पिछले दिनों इस संबंध में पत्र भी जारी किया था। पत्र में कहा गया है कि कोरोना वायरस का खतरा उनको ज्यादा रहता है जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है । ऐसे में लोगों की प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि लाभार्थियों के घर तक पुष्टाहार पहुंचाने की व्यवस्था की जाए ।

इसके लिए यह भी जरूरी है कि इस कार्य से जुड़ी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका भी इस दौरान पूरी तरह से सतर्कता बरतें । पोषाहार के वितरण के दौरान सोशल डिस्टेंशिंग का भी पालन करें ।