सुनी रही मस्जिदें, बहुत कम लोग नमाज अदा करने पहुंचे

गोरखपुर। सोमवार को सभी मस्जिदें खुल गईं लेकिन मस्जिदों में लॉकडाउन वाली पुरानी स्थिति ही बरकरार रही। यानी चार से पांच लोग ही मस्जिद में बाजमात नमाज अदा करने पहुंचे। कुछ मस्जिदों में दो बार जमात कायम हुई और पांच-पांच लोगों ने बारी-बारी जमात से नमाज पढ़ी। कई मस्जिदों में लोग जमात के बाद तंहा-तंहा नमाज पढ़ते भी दिखे। मस्जिदें सूनी व बेरौनक रहीं।

मस्जिदों के अंदर साफ-सफाई दिखी। मस्जिदों के वुजू खाने में साबुन व हैेडवॉश रखा नज़र आया। मस्जिदों से तौलिया, चटाई व टोपियां वगैरा हटा दी गयीं। नमाज के बाद मस्जिदें बंद रहीं। लाल जामा मस्जिद गोलघर सहित बहुत सी मस्जिदों के जिम्मेदारों ने फैसला लिया है कि जब तक कोरोना वॉयरस का प्रकोप खत्म नहीं हो जाता तब तक मस्जिदों में लॉकडाउन वाली स्थिति बरकरार रखी जायेगी।

मस्जिदों में तय वक्तों पर पांच वक्त की अज़ान हुई। फज्र, जोहर, असर, मगरिब व एशा के वक्त की फर्ज नमाज बाजमात अदा की गयी। मस्जिदों में एक साथ केवल पांच लोगों के नमाज पढ़ने के नियम की वजह से मुस्लिम समाज में मायूसी दिखी। लिहाजा मस्जिदों में तय संख्या में लोग नमाज अदा करने पहुंचे। मस्जिदों में जाने से पहले अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर के प्रयोग पर जोर देने के सरकारी नियम की वजह से भी मुस्लिम समाज खासकर उलेमा-ए-किराम में नाखुशी दिखी।

बताते चलें कि दीन-ए-इस्लाम में शराब (अल्कोहल) का पीना, खरीदना-बेचना, इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है। वहीं उलेमा-ए-अहले सुन्नत ने जमात के दौरान सफों के बीच फासला (गैप) करने को भी नाजायज व गुनाह बताया। मास्क लगाकर नमाज पढ़ने को भी गैरमुनासिब व गुनाह बताया। इसी वजह से बरेलवी मसलक की तमाम मस्जिदों में न अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का प्रयोग हुआ न ही जमात से अदा की जाने वाली नमाजों में सफों के बीच फासला किया गया और न ही चेहरे पर मास्क लगाकर नमाज अदा की गयी।

बहादुरिया जामा मस्जिद रहमतनगर, चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर, सब्जपोश हाउस मस्जिद बक्शीपुर, सुन्नी जामा मस्जिद बक्शीपुर, अक्शा मस्जिद शाहिदाबाद हुमायूंपुर उत्तरी, रसूलपुर जामा मस्जिद, सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह, मस्जिद खादिम हुसैन तिवारीपुर, सुन्नी जामा मस्जिद सौदागार मोहल्ला बसंतपुर, नूरी जामा मस्जिद अहमदनगर चक्शा हुसैन सहित तमाम मस्जिदों में सरकार द्वारा तय संख्या में लोगों ने नमाज अदा कर कोरोना वॉयरस से निज़ात की दुआ मांगी।