माले ने एक दर्जन गांवों में सभा कर उम्भा नरसंहार में मारे गए आदिवासियों को श्रद्धांजलि दी

लखनऊ। भाकपा (माले) ने सोनभद्र के उम्भा जनसंहार की पहली बरसी पर, हत्याकांड में मारे गए आदिवासियों को शुक्रवार को जिले के एक दर्जन से अधिक गांवों में सभाएं आयोजित कर श्रद्धांजलि दी। उम्भा गांव में श्रद्धांजलि देने पर प्रशासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के चलते पार्टी नेताओं ने निकट के मगरदहां (घोरावल) व आसपास के गांवों में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किये।
भाकपा माले के राज्य कमेटी के सदस्य शशिकांत ने बताया कि उम्भा गांव को पुलिस छावनी बना दिया गया है और वहां किसी को आने-जाने नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में पार्टी की ओर से उम्भा के आस-पास के एक दर्जन गांवों में सभा आयोजित कर मारे गए आदिवासियों को श्रद्धांजलि दी गयी। ये सभाएं मगरदहां, बागपोखर, गुरेठ, भावना, पिकुठी, तकिया, लोसियान, पकड़ी आदि गांवों में की गयी।


उन्होंने बताया कि हर गांव में लाल कपड़े की वेदी बनाकर दो मिनट मौन रखकर आदिवासी शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी। श्रद्धांजलि सभाओं में पर्चे बांटे गए। इस मौके पर माले नेताओं ने कहा कि कहा कि कोरोना महामारी की आड़ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दमन का राज चला रहे हैं। उनका प्रशासन एक तरफ कमजोर वर्गों पर अत्याचार करने वालों को संरक्षण देता है, दूसरी तरफ उम्भा कांड में भूमाफिया गिरोह द्वारा मारे गए आदिवासी गरीबों को घटनास्थल पर श्रद्धांजलि तक नहीं देने देता। यह सरकार सवालों से डरती है। इस सरकार में दलितों-आदिवासियों की हत्या व उत्पीड़न की घटनाएं लगातार जारी हैं।