मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों का चार वर्ष का मानदेय बकाया, दिया सिर्फ 71 दिन का मानदेय 

गोरखपुर। मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों का 52 माह से मानदेय नहीं मिल रहा है। इस महीने सिर्फ  71 दिन का मानदेय केंद्र सरकार ने दिया है। यह  मानदेय 18-7-2016 से 26-9-2016 तक का है। जिले में मानदेय का बजट आ गया है। मानदेय के तहत स्नातक शिक्षकों को 14026 रुपये व परास्नातक/बीएड शिक्षकों को
28052 रुपये मिलेंगे।

मानदेय आने से गोरखपुर के 156 मदरसों के करीब 464 शिक्षकों को मामूली राहत मिली है। इसके पहले साढ़े छह दिन का मानदेय केंद्र सरकार ने जारी किया था।

भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों के लिए संचालित एसपीईएमएम योजना के अंतर्गत उप्र को करीब 5089.656 लाख रुपये जारी किया है जो कि वर्ष 2016-17 के प्रथम किस्त का 40 प्रतिशत भाग है। याद रहे कि पिछले साल 2016-17 की प्रथम किस्त का 60 प्रतिशत भाग रिलीज हुआ था। केंद्र सरकार द्वारा जारी मानदेय के तहत परास्नातक/बीएड शिक्षकों को करीब 28052 रुपये और स्नातक शिक्षकों को करीब 14026 रुपये मिलेगा। जो करीब दो माह ग्यारह दिन का मानदेय है।

वर्ष 2016-17 की प्रथम किस्त देने में भारत सरकार ने तीन साल का समय लगा दिया जबकि अभी 2016-17 की दूसरी किस्त बाकी है। धीमी गति से मानदेय जारी करने से मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों का मानदेय और अधिक लंबित होता जा रहा है हालांकि जारी मानदेय अभी भी काफी कम समय का है और तक़रीबन चार साल का मानदेय अभी भी बाक़ी है। वहीं शिक्षकों को राज्य सरकार से मिलने वाला राज्यांश भी कई माह का बाकी है।

गौरतलब है कि देश भर में मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों की तादाद पचास हजार के करीब है। जिसमें से 25000 मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षक उत्तर प्रदेश के मदरसे में छात्रों को अंग्रेजी, हिंदी, गणित और साइंस की शिक्षा दे रहे हैं।