समय से आक्सीजन न मिलने की समस्या से जूझ रहे हैं गोरखपुर के कई अस्पताल

गोरखपुर। गोरखपुर के कई कोविड अस्पताल आक्सीजन की समय से आपूर्ति न होने की समस्या से जूझ रहे हैं। बड़हलगंज के एक अस्पताल ने आज पूर्वान्ह नोटिस चस्पा कर आक्सीजन की कमी से मरीजों के इलाज में असमर्थ होने की बात कह परिजनों ने दूसरे अस्पताल में ले जाने को कह दिया। अस्पताल के प्रबंधक ने बताया कि उनके पास पांच घंटे का ही आक्सीजन उपलब्ध है। समाचार लिखे जाने तक पता चला कि अस्पताल के लिए आक्सीजन लेकर गीडा से एक वाहन चला है।

उधर गोरखपुर शहर के एक अस्पताल को आक्सीजन दिलाने के लिए बेतियाहाता के पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने कल कमिश्नर आवास पर धरना दिया।

गोरखपुर शहर से 55 किलोमीटर दूर बड़हलगंज स्थित दुर्गावती अस्पताल कोविड मरीजों का इलाज कर रहा है। यह अस्पताल गोरखपुर के 31 निजी अस्पतालों की सूची में शामिल है जहां जिन्हें कोविड इलाज के लिए अनुमति दी गई है। इस अस्पताल में 40 बेड हैं। आज पूर्वान्ह 11.15 बजे अस्पताल प्रबंधन ने नोटिस चस्पा कर दी कि वह आक्सीजन की कमी के कारण मरीजों के इलाज में अपने को असमर्थ पा रहा है। नोटिस में लिखा गया है- ‘ सभी मरीजों के अभिभावकों को को सूचित किया जाता है कि आक्सीजन की कमी की वजह से हम अपने मरीज का इलाज करने में असमर्थ हैं। कृपया अपाको समय रहते सूचित किया जाता है कि आप अपने मरीज को अन्य किसी अस्पताल में इलाज हेतु अति शीघ्र भर्ती कराएं। ‘

दुर्गावती हास्पिटल के निदेशक सर्जन डा. मनोज यादव ने बताया कि उनके पास पांच घंटे यानि शाम पांच बजे तक का का ही आक्सीजन बचा है। अस्पताल में 17 कोरोना मरीज आक्सीजन के सहारे चल रहे है। आक्सीजन लाने के लिए गाड़ी सुबह से गोरखपुर को औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र स्थित आक्सीजन प्लांट पर खड़ी है। बहुत प्रयास के बाद पता चला हैं कि अब 40 सिलिंडर लोड हो रही हैं। गीडा से आक्सीजन वाहन को बड़़हलगंज पहुचने मे ढ़ाई, तीन घंटे का समय लग रहा हैं क्योंकि रास्ता बहुत खराब है।

 

इस अस्पताल में शुक्रवार को तीन व शनिवार को दोपहर तक दो कोविड मरीजों की मौत हो चुकी थी। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि अथक प्रयास के बाद भी उन्हें बचाया नही जा सका। इन मरीजों की स्थिति काफी क्रिटिकल थी। मरीज की मौत होने पर परिजन मारपीट व तोड़फोड़ पर उतारु हो जा रहे हैं। शुक्रवार की शाम भी बवाल की स्थिति बनी थी।

 

गोरखपुर जिले के दक्षिणांचल में यह एक मात्र कोविड अस्पताल है। इस कारण बड़ी सख्या में मरीज यहां भर्ती होने के लिए आ रहे हैं। आक्सीजन सप्लाई नियमित न होने से अस्पताल प्रबंधन नए मरीजों को भर्ती करने में अपने को असमर्थ पा रहा है।

इस अस्पताल में कल भी आक्सीजन का संकट खड़ा हो गया था। अस्पताल से 110 खाली सिलिंडर लेकर गाड़ी गीडा स्थित फैक्ट्री पहुंची थी। गीडा स्थित फैक्ट्री से अस्पताल के लिए सिर्फ 30 सिलिंडर ही दिए गए। गीडा से आक्सीजन लेकर चला वाहन रास्ते में ही कहीं रूक गया और उसने रास्ते में ही 13 सिलिंडर कहीं उतार दिया। रात तीन बजे सिर्फ 17 सिलेंडर लेकर गाड़ी अस्पताल पहुंची। इसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन ने बड़हलगंज पुलिस को भी दी। बाद में रास्ते में उतारे गए सिलिंडर भी अस्पताल पहुंचाए गए।

 

अस्पताल में आक्सीजन की कमी को लेकर पार्षद ने कमिश्नर आवास पर धरना दिया

गोरखपुर के टान्सपोर्ट नगर स्थित अस्पताल नवजीवन भी आक्सीजन की कमी का सामना करना पड़ रहा है। कल सुबह अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों के परिजनों को आक्सीजन का प्रबंध करने या दूसरे अस्पताल में भर्ती होेने को कहा। परेशान मरीजों के परिजन इधर-उधर दौड़ने लगे। एक मरीज का परिजन बेतियाहाता के पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी के घर पहुंच गया।

पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने बताया कि उन्होंने दो बड़े अधिकारियों को फोन किया तो उनका मोबाइल फारवर्ड मोड में मिला। कोविड कंट्रोल रूम को उन्होंने सुबह ही इस स्थिति के बारे में बता दिया। सीएमओ का फोन उठा तो उन्होंने कोविड कंट्रोल रूम को फोन करने को कहा। परेशान होकर उन्होंने सीएम कार्यालय भी फोन किया। जब कहीं से कोई व्यवस्था नहीं हो सकी तो वे सुबह 10.50 बजे कमिश्नर आवास पर पहुंच गए। वहां उन्हें कमिश्नर से मिलने नहीं दिया गया और गेट बंद करा दिया गया। इस पर वह धरने पर बैठ गए। आधे घंटे बाद उन्हें बताया गया कि नवजीवन अस्पताल पर दो सिलिंडर पहुंच गए हैं और नौ और सिलिंडर की व्यवस्था की जा रही है। इसके बाद वह धरना खत्म कर लौटे।