काला फीता बांध संविदा आयुष चिकित्सकों ने सात सूत्री मांगों को लेकर आवाज उठाई  

गोरखपुर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में कार्यरत संविदा आयुष चिकित्सकों ने सोमवार को वेतन विसंगति दूर करने सहित सात सूत्री मांगों को लेकर जिला मुख्यालय सहित अपनी-अपनी सीएचसी और पीएचसी पर काला फीता बांधकर अपनी मांगों को पूरा नहीं करने पर विरोध जताया।

एन एच एम संविदा आयुष चिकित्सको के विरोध का बहुत कम मानदेय दिया जाता है। एनएचएम आयुष चिकित्सकों का मानदेय वर्तमान में लगभग 40,000 प्रतिमाह है, जबकि एलोपैथिक चिकित्सकों का मानदेय रुपए 70000 प्रतिमाह है| यहां तक कि राज्य सरकार के अधीन कार्य कर रहे एम ओ सीएच संविदा आयुष चिकित्सकों का मानदेय भी 60000 है लेकिन एनएचएम संविदा आयुष चिकित्सक को उसके पद के अनुरूप वेतन नहीं दिया जा रहा है जिससे एनएचएम संविदा आयुष चिकित्सकों में आक्रोश की भावना है एनएचएम संविदा आयुष चिकित्सकों ने इस महामारी में फ्रंटलाइन कोरोना वारियर के रूप में स्क्रीनिंग, सैंपलिंग, मरीजों की होम आइसोलेशन में मेडिसिन किट देने के साथ मरीज का हाल चाल लेने का कार्य कर रहे हैं।  रैपिड रिस्पांस टीम, कांटेक्ट ट्रेसिंग ,डीएम कोविड कन्ट्रोल रूम, जिला अस्पताल और एल वन व एल टू कोविड अस्पताल में भी ड्यूटी कर रहे हैं। ड्यूटी करते हुए कई आयुष चिकित्सक कोविड से संक्रमित हुए हैं और उनकी मौत भी हुई है।

आयुष चिकित्सकों ने कहा कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे आंदोलन के अगले चरण में होम आइसोलेशन में चले जाएंगे।

आयुष चिकित्सकों की मांग है कि समस्त एनएचएम संविदा आयुष चिकित्सकों को सरकार द्वारा दिया जाने वाला 25% प्रोत्साहन राशि का लाभ मिले,  50 लाख का कोविड-19 बीमा समय से मिले , संविदा आयुष चिकित्सक व उनके परिवार को निशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा बीमा मिले, वेतन विसंगतियां दूर की जाए, सेवानिवृत्ति की पुरानी 70 वर्ष आयु सीमा बहाल की जाए, ट्रांसफर नीति पुनः शुरू हो, कोविड-19 में शहीद मृतक आश्रित को नौकरी मिले।