पूर्व प्रधानाध्यापक विश्वनाथ ओझा के निधन से एक पीढ़ी का अंत

देवरिया। जिले के लोकप्रिय शिक्षक रहे विश्वनाथ ओझा के आकस्मिक निधन पर अनेक सामाजिक संगठनों, शिक्षक संघों, पत्रकारों, शिक्षकों आदि ने गहरा शोक व्यक्त किया है। सेवानिवृत्त प्राथमिक शिक्षक संघ के नेता नत्थुन राय, राजकुमार कुशवाहा,आदि ने स्व.ओझा को एक आदर्श व लोक प्रिय शिक्षक बताते हुए कहा है कि वे आजीवन सादगी और ईमानदारी के साथ रहे।

शिक्षा अधिकार मंच के प्रवक्ता डा. चतुरानन ने उन्हें याद करते हुए कहा है कि उन्होंने अपने समय में प्राथमिक शिक्षा को मजबूत करने का काम किया था। आज के प्राथमिक शिक्षकों को स्व.ओझा के प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों से प्रेरणा लेनी चाहिए।

किसान नेता शिवाजी राय,डा.कृष्णा जायसवाल, नागरी प्रचारिणी सभा के मंत्री इन्द्र कुमार दीक्षित, सरोज पाण्डेय,जनार्दन प्रसाद शाही, डा.बीयम अरविंद गिरी, डा. आलोक, एवं एपवा नेता गीता पाण्डेयआदि ने शोक व्यक्त किया है।

स्व.ओझा के पौत्र व पत्रकार चक्रपाणि ओझा तथा पतहर पत्रिका के संपादक विभूति नारायण ने बाबा से मिले अपार स्नेह को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने कहा कि वे हमारी स्मृतियों में सदैव जिंदा रहेंगे तथा प्ररेणा स्रोत बनें रहेंगे। विभिन्न माध्यमों से लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित किया है। सोशल मीडिया के माध्यम से भी देश के विभिन्न क्षेत्रों से लोग श्रद्धांजलि व्यक्त कर रहे हैं। ज्ञात हो कि शुक्रवार की सुबह नब्बे वर्ष की उम्र में अवकाश प्राप्त प्रधानाध्यापक व बहादुरपुर निवासी विश्वनाथ ओझा का निधन हो गया था। वे आजादी के तुरंत बाद अध्यापन कार्य में संलग्न हो गये थे तथा आजीवन अध्ययन-अध्यापन से जुड़े रहे।

क्षेत्र के प्रतिष्ठित वरिष्ठ नागरिक पं कमला त्रिपाठी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि उनका जाना एक पीढ़ी का खत्म हो जाना है। एक युग का अंत हो गया है।
स्व. ओझा अपने पीछे दो पुत्र त्रिपुरारी व कृष्ण मुरारी तथा पांच पौत्र, तीन पौत्री व एक प्रपौत्र को छोड़ गए हैं। पूरे परिवार में शोक व्याप्त है।