निषाद पार्टी ने सरकार में भागीदारी मांगी , कहा-निषाद समाज की उपेक्षा भारी पड़ेगी

लखनऊ। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने डॉ संजय कुमार निषाद ने आज भाजपा से अपनी नाराजगी का खुल कर इजहार करते हुए कहा कि भाजपा को निषाद समाज की उपेक्षा भारी पड़ेगी। भाजपा भी सपा, बसपा और कांग्रेस की राह पर चल पड़ी है। अच्छा होगा कि वह गठबंधन धर्म का पालन करे और अपने वायदे को पूरा करे। डा. संजय कुमार निषाद ने यह भी कहा कि पंचायत चुनाव में करारी हार से भाजपा को सबक लेना चाहिए। जनता में भाजपा से बड़ी नाराजगी है। आज उन्होंने सरकार में निषाद पार्टी की भागीदारी की भी मांग कर दी।

लखनऊ में आज दोपहर पत्रकार वार्ता में निषाद पार्टी के अध्यक्ष ने निषाद आरक्षण पर किए गए वादे को पूरा नहीं करने पर अपने गुस्से का तो इजहार किया ही, योगी सरकार पर कोरोना से निपटने में नाकाम रहने का भी आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा कि हजारों की संख्या में नदियों में कोरोना संक्रमितों का शव बहाए जाने से निषाद समाज पर भूख के साथ-साथ बीमारी से संक्रमित होने का खतरा उत्पन्न हो गया है क्योंकि उसकी आजीविका नदियों पर ही निर्भर है।

डा. संजय कुमार निषाद ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को पंचायत चुनाव में मिली करारी हार से सबक लेना चाहिए। पंचायत चुनाव के परिणाम ने भाजपा को बता दिया है कि जनता में बड़ी नाराजगी है और ये नाराजगी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव तक रही तो भाजपा का भी वही हाल होगा जो सपा-बसपा-कांग्रेस का हुआ है। सूबे के विधानसभा चुनाव में महज आठ महीने का समय बाकी है। निषाद पार्टी भाजपा के मित्र होने की हैसियत से उसे यह सुझाव देती है कि वह गठबंधन धर्म और वायदे को पूरा करते हुए निषाद आरक्षण की घोषणा करे और सरकार में निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं का समायोजन कर जल्द से जल्द सरकार का विस्तार करे।

उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश की 18 प्रतिशत आबादी वाला मछुआरा वर्ग ही उत्तरप्रदेश की सरकार को तय करता है। वर्ष 2019 में गठबंधन के समय भाजपा ने निषाद आरक्षण मुद्दे को हल करने का वायदा किया था परंतु आज केंद्र और प्रदेश में बीजेपी की सरकार होने के बाद भी आरक्षण का मुद्दा हल होने का नाम नहीं ले रहा है। मछुआ समाज ने देश को आजाद करवाने में बड़ा योगदान दिया था और संविधान में भी मझवार, गौड़, तुरैया, कोली आदि को अनुसूचित जाति के अंतर्गत शामिल किया गया था परंतु कांग्रेस की कूनीतियों के चलते 1992 में मछुआ समाज को धोखे से अनुसूचित जाति रहते हुए भी पिछड़ी जाति में डालकर अधिकारों से वंचित कर दिया गया। बसपा और सपा ने भी निषादों को आरक्षण के नाम पर धोखा देने का काम किया और मौजूदा स्थिति में बीजेपी भी कांग्रेस के मार्ग पर चल रही है।

निषाद पार्टी के अध्यक्ष ने कहा कि जिस निषाद समाज ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 323 और 2019 के लोकसभा चुनाव में 65 सीटें देने का काम किया, आज वो ही समाज आरक्षण विहीन है। कसरवल आंदोलन के समय मौजूदा सीएम और तबके गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ ने संसद में, सभाओं और मीडिया में निषाद आरक्षण का समर्थन किया था परंतु अब योगी जी अपने वायदा पूरा करते नहीं दिख रहे हैं और झूठा मुख्यमंत्री साबित हो रहे हैं। ऐसे में बीजेपी को 2022 में निषादों की उपेक्षा करना भारी पड़ेगा।

डा. निषाद ने कहा कि कोरोना काल के कुप्रबंधन के कारण आज मौजूदा सरकार की किरकिरी हो रही है। वर्तमान सरकार की लापरवाही के कारण मृत शवों को नदियों में प्रवाह कर दिया जा रहा है। उन्नाव से लेकर गाजीपूर तक हजारों शवों का प्रवाह होना और उससे कई गुना ज्यादा शवों को घाटों पर दफनाए जाने से नदियों के किनारे बसने वाले और नदियों के सहारे आश्रित निषाद समाज पर कोरोना संक्रमण और भूखे मरने का खतरा बढ़ता जा रहा है। निषाद समाज घरों में बंद होने के मजबूर हो चुका है क्योंकि वो दफनाए गए शवों और नदियों में बहते शवों से भयभीत है।

उन्होंने मांग की कि गंगा, यमुना व सभी छोटी नदियों के पानी के नमूने की जांच की जाए, नदियों को स्वच्छ किया जाए और नदियों में शव बहाए जाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएं। यूपी सरकार को चाहिए कि तत्काल एक्शन लेकर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्यवाही कर जल्द से जल्द इन लाशों को गंगा से निकालकर उसे स्वच्छ करना चाहिए और मृत शवों के अंतिम संस्कार का खर्च उठाकर रीति-रिवाज के साथ शवों को जलाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सात जून को मछुआ एससी आरक्षण आंदोलन संघर्ष दिवस मनाया जाएगा और पार्टी सड़क पर उतरेगी। निषाद पार्टी के कार्यकर्ता  ‘ बीजेपी वादा निभाओ, निषाद पार्टी से तब मित्रता आगे बढ़ाओ ‘  का नारा लगाएंगे।

डा. निषाद ने यह भी बताया कि एक जून को पार्टी की कोर कमेटी की बैठक हो रही है जिसमें विधानसभा चुनाव 2022 में 160 मछुआ बाहुल्य सीटों पर जीत की रणनीति बनायी जाएगी। इन सीटों पर मछुआ समुदाय का मतदाता पांच हजार से लेकर एक लाख तक है। उन्होंने यह भी कहा कि निषाद पार्टी के 350 जिला पंचायत सदस्य चुनाव जीते हैं। बैठक में ब्लाक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में निषाद पार्टी की भूमिका भी तय होगी।