आठ कोविड मरीजों से चार निजी अस्पतालों ने 6.20 लाख रुपए अधिक लिए, कठोर चेतावनी देकर छोड़ा गया

गोरखपुर। गोरखपुर शहर के चार और अस्पतालों द्वारा आठ कोविड मरीजों से इलाज के दौरान निर्धारित धन से अधिक धन लेने की शिकायत जांच में सही पायी गयी है। इन सभी अस्पतालों को कठोर चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है। इसके पहले 17 जून को भी छह मरीजों से अधिक धन लेने वाले निजी अस्पतालों को चेतावनी दी गई थी।

कोविड-19 मरीजों से शासनादेश से अधिक धनराशि वसूलने के लिए चार सदस्यीय समिति अपर आयुक्त न्यायिक रतिभान की अध्यक्षता में बनायी गई हैं। इस कमेटी में संयुक्त निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ0 अरूण गर्ग, जिला सर्विलान्स अधिकारी डॉ0 एन0के0 पाण्डेय, उपायुक्त स्टाम्प एवं निबन्धन श्री रामानन्द सिंह सदस्य हैं।

गोरखपुर में कोविड की दूसरी लहर में करीब चार दर्जन निजी अस्पतालो को इलाज के लिए अधिकृत किया गया था।

शिकायतों की जांच के लिए बनी कमेटी के पास लगातार शिकायते आ रही हैं।

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इन शिकायतों पर विस्तृत आख्या 30 जून को कमिश्नर रवि कुमार एन जी के समक्ष रखी गई। समीक्षा में पाया गया कि डिसेन्ट हास्पिटल में कोविड इलाज हेतु भर्ती स्व० शैलेन्द्र नाथ श्रीवास्तव के परिजन से चिकित्सालय द्वारा 25 हजार, जीवनदीप हास्पिटल में भर्ती स्व० श्रीमती लीलावती पाण्डेय के परिजन से 22 हजार, स्व० सोना देवी के परिजन से 35,581 रुपए, शिवा हास्पिटल में भर्ती उषा सिंह से 79,492 रुपए, इन्द्रेश पाण्डेय से 1,91,262 रुपए तथा डिग्निटी हास्पिटल में भर्ती उपेन्द्र भूषण मिश्रा एवं उनकी पत्नी चन्द्रलेखा मिश्रा से 2,15,898 रुपए, स्व० किरण श्रीवास्तव के परिजन से 51,119 रुपए अधिक लिये गये थे।

जांच के बाद डिसेंट हास्पिटल, जीवनदीप हास्पिटल, शिवा हास्पिटल और डिग्निटी हास्पिटल द्वारा आठ मरीजों से ली गई अधिक धनराशि 6,20,352 रु प्ए वापस कर दिया गया है।

सूचना विभाग की विज्ञप्ति के अनुसार कमिश्नर ने खुद दूरभाष पर मरीजों के परिजनों से शिकायत के निस्तारण के बारे में जानकारी प्राप्त की। सभी परिजनों द्वारा अपनी संतुष्टि व्यक्त किया गया। हास्पिटल प्रबन्धन को कठोर चेतावनी दी गयी है कि भविष्य में शासनादेश में निर्धारित धनराशि से अधिक धनराशि कदापि न ली जाय। यदि इसकी पुनरावृत्ति होती है, तो ऐसे हास्पिटलों के विरूद्ध नियमगत जांच करके उनके विरूद्ध कठोरतम् कार्यवाही की जायेगी।