निषादों की उपेक्षा भाजपा को भारी पड़ेगी, आरक्षण का वादा पूरा करे सरकार : डा. संजय कुमार निषाद

गोरखपुर। अपने बयानों से लगातार सुर्खियों में बने हुए निषाद पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष डा. संजय कुमार निषाद फिर कहा कि निषादों की उपेक्षा भाजपा को भारी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि निषाद आरक्षण का वादा पूरा नहीं होने से निषाद समाज में काफी रोष है और निषाद समाज के रोष के चलते ही हाल में हुए पंचायत चुनावों में भाजपा को काफी नुकसान उठाना पड़ा।

डा. संजय कुमार निषाद बुधवार को गोरखपुर पहुंचे। इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने उनका नौसढ चैराहे पर जोरदार स्वागत किया। डा. संजय निषाद ने शास्त्री चैक पर लाल बहादुर शास्त्री, टाउन हाल पर गांधी और दीवानी कचहरी चैराहे पर डा. अंबेडकर के मूर्ति पर माल्यार्पण किया और फिर निषाद राज मंदिर पर पहुंचे।

इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल विस्तार में हमारी उपस्थिति दूसरी या फिर अंतिम प्राथमिकता हो सकती है। समाज हित के लिए हमें मंत्री पद क्या दुनिया के सभी सूख का त्याग करना पड़े तो भी करने को तैयार हैं। निषाद पार्टी ने ना कभी मंत्री पद मांगा है ना ही विधानसभा चुनावों में सीटों को लेकर कोई उहापोह है।

उन्होंने कहा कि हमारा राजनीति में आने का एक ही उद्देश्य और एक ही ध्येय है मछुआ एससी आरक्षण और मछुआ समाज का विकास। केन्द्र और राज्य में काबिज बीजेपी सरकार मछुआ आरक्षण दे दे तो हम बीजेपी के साथ ही रहेंगे। निषाद पार्टी एससी मछुआ आरक्षण लेने के लिए प्रतिबद्ध है और जब तक आरक्षण मिल नहीं जाता निषाद पार्टी इसकी लड़ाई लड़ती रहेगी। निषाद पार्टी की एक ही प्राथमिकता मछुआ एससी आरक्षण लागू करवाना है।

डॉ संजय कुमार निषाद

 

डॉ. निषाद ने कहा कि बीजेपी और मौजूदा प्रदेश सरकार निषाद आरक्षण विरोधी नही है। प्रदेश की सरकार के मुखिया ने बकौल सांसद कई बार निषाद आरक्षण का मुद्दा उठाया है, ऐसे में जो प्रदेश के अधिकारी है ये सरकार को निषाद समाज के कल्याण की गलत रिपोर्ट लगा देते है और प्रदेश सरकार को गुमराह करने का काम कर रहे हैं क्योंकि ये अधिकारी ऊपर से सरकार के साथ है परंतु ये काम सपा और बसपा का कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि निषाद पार्टी हमेशा से समाज के हित की बात करती आई है, और समाज हित के लिए ही 2019 में हम भाजपा से जुड़े थे। भाजपा ने कहा था कि सत्ता में आते ही निषादों के आरक्षण के मुद्दे को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा। परंतु बीजेपी अभी प्राथमिकता तो छोड़िए अंतिम प्राथमिकता भी आरक्षण को नहीं रख रही है क्योंकि अधिकारी कभी सही रिपोर्ट लगाते ही नही और जिसके चलते निषाद आरक्षण अटकता जा रहा है। ऐसे में निषाद समाज में काफी रोष है और निषाद समाज के रोष के चलते ही हाल में हुए पंचायत चुनावों में भाजपा को काफी नुकसान उठाना पड़ा। मछुआ समाज ने देश को आजाद करवाने में सबसे बड़ा योगदान दिया था और संविधान में भी मझवार, गौड़, तुरैया, कोली आदि को अनुसूचित जाति के अंतर्गत शामिल किया गया था परंतु कांग्रेस की कूनीतियों के चलते 1992 में मछुआ समाज को धोखे से अनुसूचित जाति से बाहर कर दिया गया। बसपा और सपा ने भी निषादों को आरक्षण के नाम पर धोखा देने का काम किया। मौजूदा स्थिति में बीजेपी भी कांग्रेस के मार्ग पर चल रही है और जिस निषाद समाज ने 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 323 और 2019 में 65 सीटें देने का काम किया। आज वो ही समाज आरक्षण विहीन है जबकि कसरवल आंदोलन के समय मौजूदा सीएम और तबके गोरखपुर सांसद योगी आदित्यनाथ जी ने ही संसद में निषाद आरक्षण के मूद्दे का समर्थन किया था परंतु अब योगी जी अपने वायदा पूरा करते नहीं दिख रहे हैं और ऐसे में बीजेपी को 2022 में निषादों की उपेक्षा करना भारी पड़ेगा।

गोरखपुर लौटे डॉ संजय निषाद का स्वागत करते निषाद पार्टी के नेता

डा. संजय निषाद ने कहा कि निषाद पार्टी की सरकार से गिनी चुनी मांग है- मछुआ एससी आरक्षण लागू करवाना, नदी ,ताल ,घाट के किनारे बसने वाले वाले मछुआरों पर दर्ज किए सभी मुकदमे वापस लिए जाएं, नदी ,ताल ,घाट  और बालू के पट्टे मछुआरों को आवंटित किए जाए एक कानून बनाया जाए की नदी ताल घाट के किनारे की जमीन मछुआरों के लिए आरक्षित की जाए। केंद्र या राज्य सरकार में हिस्सेदारी हमारी अंतिम प्राथमिकता है। हमारी संख्या उत्तर प्रदेश में 18 फीसदी है और इतनी बड़ी जनसंख्या का एक प्रतिनिधि सदन में होना चाहिए। भाजपा राज्यसभा भेजने का वादा निभाए और अगर राज्य में डिप्टी सीएम मिल जाता है तो इससे बेहतर क्या होगा ?

उन्होंने कहा कि हाल ही में केंद्र के आरजीआई का हवाला देते हुए मछुआ आरक्षण को रद्द कर दिया है परंतु मछुआ आरक्षण आरजीई के अतर्गत आता ही नहीं है। मौजूदा सरकार में अगर समय आरक्षण नहीं मिलता और निषाद समाज के हितों में नदी ताल घाटों का पट्टे मछुआ समाज के नाम नहीं करती तो निषाद पार्टी निषाद समाज के कल्याण और भविष्य के लिए सड़क पर उतरेंगी जिसकी जिम्मेदार मौंजूदा सरकार होगी।