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प्रोफेसरों द्वारा स्वागत पर अभाविप की सफाई, कार्यकर्ताओं को हमलारोपी न कहा जाए

गोरखपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति व कुलसचिव पर हमले के आरोपी कार्यकर्ताओं का दो महिला प्रोफेसरों द्वारा स्वागत का बचाव करते हुए कहा है कि दो प्रोफेसरों द्वारा विश्वविद्यालय में व्याप्त छात्र विरोधी कुरीतियों से संघर्ष के दौरान जेल गये अभाविप कार्यकर्ताओं का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया गया। कार्यकर्ताओं को हमलारोपी बताना दुर्भाग्यपूर्ण है। अभाविप ने कहा कि दोनों महिला प्रोफेसर उनकी पदाधिकारी हैं और उनके द्वारा किये गये स्वागत को कांग्रेस पार्टी ने तोड़ मरोड़कर प्रदर्शित किया जो निंदनीय है।

आज अभाविप के प्रान्त कार्यालय मंत्री अन्तरिक्ष सिंह द्वारा जारी विज्ञप्ति में आभविप के गोरक्ष प्रांत मंत्री सौरभ कुमार गौड कहा कि ‘ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोरखपुर विश्वविद्यालय इकाई के कार्यकर्ताओं द्वारा विगत कई महीनों से दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितता एवं बेतहाशा शुल्क वृद्धि के विरुद्ध धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। विगत 21 जुलाई को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन पर अभाविप द्वारा किये गये लोकतांत्रिक प्रदर्शन के दौरान गोरखपुर विश्वविद्यालय के संवादहीन तथा संवेदनहीन कुलपति प्रो. राजेश सिंह द्वारा अभाविप कार्यकर्ताओं पर पुलिसिया बर्बरता करायी गयी। जिसमें अभाविप के 8 कार्यकर्ताओं को जेल तथा 22 पर गंभीर धाराओं में झूठे मुकदमें दर्ज कराये गये। ‘

बयान में कहा गया है कि ‘ मंगलवार को देर शाम अभाविप के कार्यकर्ताओं की 11 दिन की न्यायिक अभिरक्षा के बाद गोरखपुर मंडल कारागार से रिहाई हुई। जेल से रिहाई के बाद अभाविप कार्यकर्ताओं का विभिन्न स्थानों पर भव्य स्वागत किया गया। स्वागत के क्रम में अभाविप गोरक्ष प्रांत कार्यालय पर अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की विशेष आमंत्रित सदस्य प्रो. उमा श्रीवास्तव तथा प्रांत अध्यक्ष प्रो. सुषमा पांडेय द्वारा विश्वविद्यालय में व्याप्त छात्र विरोधी कुरीतियों से संघर्ष के दौरान जेल गये अभाविप कार्यकर्ताओं का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया गया। अभाविप के शिक्षक कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये स्वागत को कांग्रेस पार्टी द्वारा तोड़ मरोड़कर प्रदर्शित किया जा है। कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष द्वारा कहीं छात्रों को हमलारोपी तो कहीं शिक्षक को नफरत की पौध तैयार करने जैसे आरोप लगाये जा रहे हैं जो बेहद ही निंदनीय तथा स्वीकार योग्य नहीं है। ‘

अभाविप गोरक्ष प्रांत मंत्री सौरभ कुमार गौड ने कहा कि अभाविप के 75वर्षो की गौरवशाली यात्रा में शिक्षा क्षेत्र में हुए सकारात्मक परिवर्तन में शिक्षक तथा छात्र दोनों के महत्वपूर्ण योगदान रहे हैं। अभाविप गुरु शिष्य परंपरा का पोषक छात्र संगठन है। गोरखपुर विश्वविद्यालय में अनियमितताओं के विरुद्ध संघर्ष कर जेल गये कार्यकर्ताओं की रिहाई के बाद शिक्षक कार्यकर्ताओं द्वारा किये गये स्वागत को कांग्रेस पार्टी द्वारा गलत रूप में अमर्यादित शब्दों के साथ प्रदर्शित करना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण तथा निराशाजनक है। बीते 31 जुलाई को कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष द्वारा जारी बयान में गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन से शुल्क वृद्धि को वापस लेने की बात कही गयी थी, तो वही विश्वविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध शुल्क वृद्धि कम करने की माँगो को लेकर आंदोलनरत छात्रों को हमलारोपी बताकर दोहरा चरित्र प्रदर्शित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि एक ओर विश्वविद्यालय में उत्पन्न हुई समस्याओं के विरुद्ध आवाज उठाने वाला छात्र फर्जी मुकदमों में जेल जा रहा है तो वही दूसरी ओर विश्वविद्यालय के शिक्षकों पर बेबुनियाद आरोप लगाये जा रहे है जो की निंदनीय है। कांग्रेस पार्टी द्वारा दिये गये ऐसे बेतुके बयान उनके शिक्षक तथा छात्र विरोधी होने की मानसिकता को प्रदर्शित करता है।

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