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मकानों को ध्वस्त किए बिना पक्का हो गोडधोइया नाला-देवेन्द्र प्रताप सिंह

गोरखपुर। विधान परिषद सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह ने जिलाधिकारी गोरखपुर को पत्र लिख कर गोडधोइया नाला प्ररंभ में 10 मीटर और अंत में 20 मीटर चौड़ा पक्का नाला बनाया जाए ताकि मकानों को ध्वस्त न करना पड़े।

दो दिन पूर्व गोडधोइया नाले के सौन्दर्यीकरण से प्रभावित परिवार विधान परिषद सदस्य देवेन्द्र प्रताप सिंह से मिलकर अपने को विस्थापित होने से बचाने कि गुहार लगायी थी। लोगों से बातचीत के बाद श्री सिंह ने पाँच अगस्त को डीएम को पत्र लिखा।

पत्र में उन्होंने कहा है कि ‘ पीड़ितों कि समस्या को संवेदनशीलता एवं मानवीय दृष्टिकोण के साथ समस्या का सामाधान करने की आवश्यकता है। प्रभावित परिवारों में कई शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त कर्मी हैं जिन्होंने अपने  जीवन की पूरी जमा पूंजी लगाकर मकान बनवाया है। सेवानिवृत के बाद इनके पास ऐसा कोई आय का स्रोत नहीं है जिससे पुनः मकान बनवा सके।  जब आप व्यापक संदर्भ में इस समस्या का सामाधान खोजने का प्रयास करेंगे तो यह बताना समीचीन  होगा कि एनजीटी ने रामगढ़ताल के किनारे बसे हुए नागरिको को 500 मी0 की परिधि में लिया था पर बाद में 50 मी० की दूरी तक सीमित कर दिया परन्तु एक भी मकान ध्वस्त नहीं किया गया। यह  एक बड़ा आधार है। ‘

,एमएलसी ने कहा कि गोरखपुर विकास प्राधिकरण द्वारा मेडिसीटी योजना मे आने वाले मकानॉन को ध्वस्त न किये जाने का निर्देश स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया था और मुख्यमंत्री द्वारा सार्वजनिक घोषण की गयी कि विस्थापित किये बिना योजना बनाई जाए। इन दोनों को आधार मानकर गोडधोइया नाले की सौन्दर्यीकरण निरस्त करते हुए मुख्यमंत्री जी घोषणा के अनुसार शुरुआत में 10 मीटर और अंत में 20 मीटर चौड़ा पक्का नाला बनाना जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि गोडधोइया नाले पर दोनो तरफ सड़क बनाने से न कोई व्यापर ना कोई रोजगार न कोई आकर्षण का केंद्र केन्द्र बनेगा। उस सड़क पर केवल सफाई कर्मी जा सकेंगे। इसलिए दोनों तरफ चौड़ी सड़क एवं सौन्दर्यकरण शासकीय धन का दुरूपयोग होगा।

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