गोरखपुर। ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने संगठन के अध्यक्ष पूर्व आईजी एस आर दारापुरी की गिरफ़्तारी के बारे में पुलिस के बयान को पूरी तर पर असत्य बताया है और कहा है कि जल्द ही गिरफ़्तारी की सच्चाई जनता के सामने लायी जाएगी।
ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट की राष्ट्रीय कार्य समिति की ओर से राज्य कार्यालय प्रभारी कमलेश सिंह एडवोकेट द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश में अपने राजनीतिक विरोधियों खासतौर पर जो लोग जनमुद्दों जैसे रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेत मजदूर और गरीब किसानों के लिए जमीन के अधिकार के सवाल को उठाते हैं उनका हर तरह से प्रशासनिक उत्पीड़न कर रही है। इसी सोच के तहत ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व आईजी एस. आर. दारापुरी और उनके सहयोगी पत्रकार सिद्धार्थ रामू व राजनीतिक कार्यकर्ता श्रवण कुमार निराला जैसे अन्य लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
बयान में कहा गया है कि एस आर दारापुरी की गिरफ्तारी 11 अक्टूबर 2023 को पुलिस द्वारा दोपहर 2:20 पर रेलवे बस स्टैंड तिराहे गोरखपुर से दिखाई गई है जबकि उन्हें तारामंडल स्थित रामा होटल से 11 अक्टूबर की सुबह 8:15 पर गिरफ्तार किया गया जो फेसबुक में ऑन रिकॉर्ड दर्ज है। दारापुरी ने गिरफ्तारी से पहले रामा होटल से इस संबंध में फेसबुक पर पोस्ट लिखी थी और शेयर भी की थी। इस तरह की उत्तर प्रदेश सरकार की कार्रवाई लोकतंत्र विरोधी ही नहीं गैर-जिम्मेदाराना सरकार का प्रदर्शन करती है और यह प्रदेश के नागरिकों के हित में नहीं है। गोरखपुर समेत प्रदेश के नागरिकों से यह अपील की गई है कि वह सरकार व्दारा इस घटना के संदर्भ में दिए जा रहे तर्क की असलियत को समझें और लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रति अपनी एकता जाहिर करें। उत्तर प्रदेश सरकार से यह भी कहा गया है कि अपनी सत्ता मजबूत करने के लिए इस तरह की कार्रवाइयों को ना करें ताकि पूर्वजों के लंबे संघर्ष के बाद प्राप्त हुई आज़ादी को नुकसान न पहुंचे।