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आइसा इकाई अध्यक्ष विवेक कुमार पर हुए हमले के खिलाफ छात्रों ने निकाला प्रतिरोध मार्च

प्रयागराज। दलित छात्र तथा आइसा इकाई अध्यक्ष विवेक कुमार पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय चीफ प्रॉक्टर राकेश सिंह द्वारा किए गए बर्बर हमले तथा मनीष कुमार और हरेंद्र यादव के निलंबन की वापसी, जेल में बंद छात्रों की रिहाई के लिए छात्र-छात्राओं ने 19 अक्टूबर को अंबेडकर छात्रावास सलोरी से ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज,सलोरी तक प्रतिरोध मार्च निकाला। राकेश सिंह की गिरफ्तारी की मांग के पोस्टर और प्लेकार्ड के साथ राकेश सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने के नारे लगाए गए।

नारेबाजी करते हुए छात्र छात्राएं अंबेडकर प्रतिमा सलोरी के पास पहुंचकर सभा की। सभा में सुधीर ने अपनी बात रखते हुए कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय का चीफ प्रॉक्टर एक जातिवादी सामंती गुंडा है। इसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा जाना चाहिए। अपनी बात रखते हुए विवेक ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन दलित पिछड़े छात्रों के साथ दुर्व्यवहार करते हुए निलंबन निष्कासन से लेकर की जेल भेजने की तमाम कार्यवाही करते रहा है और अब तो लाठियां भी भांजने लगा है जो शर्मनाक है।

शशांक ने कहा कि छात्रों के बीच बार-बार लाठी से हमले के खिलाफ आक्रोश है तथा कार्यवाही न होने पर डेलीगेसी किसी के छात्र सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएंगे। अपनी बात रखते हुए शोध छात्र मनीष कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में बेसिक सुविधा का घोर अभाव है पर विश्वविद्यालय प्रशासन महंगी फीस वसूल करता है और जरूरी सुविधाएं प्रदान नहीं करता और अगर छात्र आवाज उठाता है तो निलंबन निष्कासन से लेकर के जेल भेजता है। यह विश्वविद्यालय में लागू अघोषित आपातकाल को दर्शाता है।

 प्रदर्शन में भानु, अमन ,राहुल, हर्षल ,मोहित, श्रीकांत, विपिन सौरभ, सोनू इत्यादि शामिल रहे।

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